दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म की बुनियादी किताब पर दखलंदाजी नहीं करता है : जिलानी - उच्चतम न्यायालय

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी द्वारा उच्चतम न्यायालय में दी गई याचिका चर्चा में है. इसमें कुरान से 26 आयतें हटाने का निवेदन किया गया है. वसीम रिजवी की याचिका पर जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म की बुनियादी किताब पर दखलंदाजी नहीं करता है.

जफरयाब जिलानी
जफरयाब जिलानी

By

Published : Mar 24, 2021, 10:36 PM IST

लखनऊ : देश में इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में दायर कुरान को लेकर याचिका विवादों में है. शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा दायर याचिका का देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार विरोध हो रहा है. वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर यह याचिका दायर की है, जिस पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है. इस मामले पर ईटीवी भारत से खास बात करते हुए सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म की बुनियादी किताब पर हस्तक्षेप नहीं करता है, लिहाजा इस पहलू पर याचिका का रद्द होना ही ठीक है.'

वसीम रिजवी की याचिका पर मचे बवाल के बीच जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का एक लंबे समय से यह नजरिया रहा है कि वह किसी धर्म की बुनियादी किताब पर दखलंदाजी नहीं करें. इसी बुनियाद पर यह कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट वसीम रिजवी की इस प्रार्थना को भी अपने अधिकार में नहीं पाएगा. क्योंकि अगर सुप्रीम कोर्ट यह सब देखने लगा, तो तमाम धर्मों की किताब को लेकर आपत्तियां आने लगेंगी. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को लेकर भी बहुत लोग आपत्ति उठाते हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत
पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट ने कुरान में नहीं दी थी दखलसीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि इतिहास में सुप्रीम कोर्ट का यही रुख रहा है. कलकत्ता हाई कोर्ट में कुरान की कुछ आयतों को लेकर धार्मिक भावना आहत होने की बात पर याचिका दायर हुई थी, जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया था और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी उसमें दखल नहीं दी थी. ऐसे में यही लगता है कि वसीम रिजवी की याचिका भी खारिज होगी.

पढ़ें :विदेशों की जेल में 7860 भारतीय नागरिक कैद : सरकार

ABOUT THE AUTHOR

...view details