लखनऊ : देश में इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में दायर कुरान को लेकर याचिका विवादों में है. शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा दायर याचिका का देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार विरोध हो रहा है. वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर यह याचिका दायर की है, जिस पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है. इस मामले पर ईटीवी भारत से खास बात करते हुए सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म की बुनियादी किताब पर हस्तक्षेप नहीं करता है, लिहाजा इस पहलू पर याचिका का रद्द होना ही ठीक है.'
सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म की बुनियादी किताब पर दखलंदाजी नहीं करता है : जिलानी - उच्चतम न्यायालय
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी द्वारा उच्चतम न्यायालय में दी गई याचिका चर्चा में है. इसमें कुरान से 26 आयतें हटाने का निवेदन किया गया है. वसीम रिजवी की याचिका पर जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म की बुनियादी किताब पर दखलंदाजी नहीं करता है.
जफरयाब जिलानी
वसीम रिजवी की याचिका पर मचे बवाल के बीच जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का एक लंबे समय से यह नजरिया रहा है कि वह किसी धर्म की बुनियादी किताब पर दखलंदाजी नहीं करें. इसी बुनियाद पर यह कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट वसीम रिजवी की इस प्रार्थना को भी अपने अधिकार में नहीं पाएगा. क्योंकि अगर सुप्रीम कोर्ट यह सब देखने लगा, तो तमाम धर्मों की किताब को लेकर आपत्तियां आने लगेंगी. उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को लेकर भी बहुत लोग आपत्ति उठाते हैं.