नई दिल्ली:कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों की संसद में तमाम विपक्षी दल पहुंचे और केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रकट की. किसान आंदोलन को विपक्षी दलों की ओर से मिले समर्थन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
किसानों का नेतृत्व कर रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान संसद के दौरान संसदीय लोकतंत्र की एक बेहद ही सुंदर परिभाषा देखने को मिली, जहां पर सभी किसानों को विपक्षी दलों ने आराम से बैठकर सुना. आमतौर पर भारतीय संसद में ये देखने को नहीं मिलता है, वहां अधिकतम समय शोर-शराबा, एक पक्ष की ओर से अपनी आवाज रखने के लिए जद्दोजहद देखने को मिलती है. लेकिन किसान संसद में एक मर्यादा है, जिसका हर कोई पालन कर रहा है. किसान संसद में विपक्षी दल किसानों को सुनने के लिए आए थे तो उन्होंने आराम से बैठ कर किसानों की बातों को सुना.
योगेंद्र यादव ने इस दौरान सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि पिछले 8 महीने से सरकार का अहंकार जारी है और उसी अहंकार को तोड़ने के लिए हम सड़क पर आए हैं. सरकार का अहंकार जब तक नहीं टूटता है, हम सड़कों पर ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने ही हमें यहां रोक रखा है. सरकार की जिद्द और अहंकार के चलते किसान सड़कों पर हैं. सरकार जब तक चाहे किसान आंदोलन को आगे ले जा सकती है, इसमें किसानों को कोई परेशानी नहीं है. लेकिन जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती है किसान सड़कों पर ही डटे रहेंगे.