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गैर-संचारी रोगों को रोकने और नियंत्रित करने में मदद करता है योग: डब्ल्यूएचओ

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Published : Jun 21, 2021, 6:18 PM IST

7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में योग की भूमिका और बढ़ गई है. करोड़ों लोगों में इसके प्रति उत्साह बढ़ गया है.

7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी जानकारी
7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी जानकारी

नई दिल्ली: पूरे देश में सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (7th International Yoga Day) मनाया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि दो वर्ष से दुनियाभर के देशों और भारत में भले ही कोरोना के कारण बड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे हैं, लेकिन योग के प्रति लोगों का उत्साह कम नहीं है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है. मोदी ने कहा कि कोरोना के बावजूद इस बार की योग दिवस की थीम (International Yoga Day 2021 Theme) 'योग फॉर वेल बींग (Yoga for Well Being) ने करोड़ो लोगों में योग के प्रति उत्साह को और बढ़ाया. मैं आज योग दिवस पर ये कामना करता हूं कि हर देश हर समाज और हर व्यक्ति स्वस्थ हो. सब एकसाथ मिलकर एक दूसरे की ताकत बनें. इस वर्ष योग दिवस की थीम वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर रखी गई है.

वहीं, योग दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि नियमित योग से गैर-संचारी रोगों को रोकने और नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. बता दें, हर साल वैश्विक स्तर पर 41 मिलियन लोग इन रोगों की वजह से मरते हैं, उनमें से एक तिहाई से अधिक समय से पहले ही जान गंवा देते हैं.

7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि योग एक व्यक्ति को वजन कम करने, तनाव दूर करने, प्रतिरक्षा में सुधार करने और शारीरिक फिटनेस और मानसिक और भावनात्मक कल्याण का निर्माण और रखरखाव करने में मदद कर सकता है. इसका अभ्यास कहीं भी, किसी भी समय किया जा सकता है और इसके लिए किसी वित्तीय निवेश की आवश्यकता नहीं होती. उन्होंने कहा कि चार प्रमुख गैर-संचारी रोगों हृदय रोग, कैंसर, पुरानी सांस की बीमारियां और मधुमेह के चलते समय से पहले होने वाली सभी मौतें 80 प्रतिशत से अधिक हैं.

डॉ. खेत्रपाल ने कहा कि हाल के वर्षों में गैर-संचारी रोगों को रोकने और नियंत्रित करने में तेजी लाई गई है, जिसके लिए शारीरिक गतिविधि को बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के प्रयास महत्वपूर्ण हैं. इस क्षेत्र के सभी देश बहुक्षेत्रीय कार्य योजनाओं को जारी रखे हैं, जो स्कूलों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर शारीरिक गतिविधि की सुविधा प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा कि इन रोगों को रोकने, नियंत्रित करने, समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने, व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को कम करने के लिए योग सभी उम्र और आय के लोगों के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है.

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि 5 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों को कम से कम 60 मिनट तक हर दिन एरोबिक की आवश्यकता होती है. वहीं, 18 से 64 आयु वर्ग के वयस्कों को 150 से 300 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली साप्ताहिक एरोबिक गतिविधि की जरुरत होती है. कई देशों ने योग को निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य रणनीतियों में भी शामिल किया है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर देशों ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीतियां विकसित की हैं जिन्हें वे लागू करना जारी रखे हैं.

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डॉ सिंह ने कहा कि कोविड-19 के दौरान डब्ल्यूएचओ सदस्य राज्यों को स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य सहित संचारी रोगों के लिए सेवाओं को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए समर्थन करना जारी रखेगा. डब्ल्यूएचओ की वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 के रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप, इस क्षेत्र में नीति निर्माताओं ने साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा (टीआरएम) को स्वास्थ्य प्रणालियों में एकीकृत करना जारी रखा है.

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