श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) : कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की एक अदालत टेरर फंडिंग मामले में सजा सुना सकती है. इसे देखते हुए श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में हड़ताल जैसे हालात देखे जा रहे हैं. श्रीनगर के कई इलाकों में दुकानें बंद हैं. सड़कों पर लोगों और वाहनों की आवाजाही कम है. पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा.
हालांकि, शिक्षण संस्थान और अन्य सरकारी कार्यालय खुले हैं. लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.
बता दें कि दिल्ली की अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था. जुर्माना की राशि तय करने के लिए एनआईए को वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया था. मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है.
10 मई को, मलिक ने अदालत के सामने अपने अपराध कबूल किया था. मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता. इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं. अदालत ने मलिक सजा पर फैसला सुनाने के लिए मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की थी.