चंडीगढ़ : विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की एक टीम ने बुधवार को पंजाब का दौरा शुरू किया. इनका मुख्य उद्देश्य खरीद परीक्षण और अफगानिस्तान में गेहूं के परिवहन की प्रक्रिया को समझना है. टीम को अगर यह प्रक्रिया अच्छी लगी, तो यह उसे दूसरे जगहों पर भी लागू करने की अनुशंसा कर सकती है.
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारुचक ने कहा कि सैंड्रो बनल, फिलिपो जुनीनो, स्टेफनी हर्ड, अमित वढेरा और श्रुति की 5 सदस्यीय टीम अमृतसर का दौरा करेगी, ताकि इसकी गुणवत्ता में गिरावट के बिना पंजाब में गेहूं का दीर्घकालिक भंडारण कैसे किया जाता है, इसका प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया जाएगा.
राज्य द्वारा खाद्यान्न को संरक्षित करने के लिए डब्ल्यूएफपी द्वारा मान्यता को गर्व की बात बताते हुए, मंत्री ने कहा कि पंजाब पूरे देश को खिला रहा है. हमारा राज्य राष्ट्र के भोजन का कटोरा है. अब पंजाब में उत्पादित अनाज विदेशों में भी लोगों को भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह भी श्रेयस्कर है कि पश्चिमी देश अब खाद्यान्नों के संरक्षण की तकनीकों का अध्ययन करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं और यह इस संबंध में पंजाब सरकार द्वारा की गई प्रगति को बयां करता है. राज्य सरकार और एफसीआई के वरिष्ठ अधिकारी टीम के साथ होंगे.
विदेश मंत्रालय द्वारा 27 अप्रैल को भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को एक अलग संचार में यह बताया गया कि "डब्ल्यूएफपी भारत द्वारा अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में प्रदान किए गए 10,000 मीट्रिक टन गेहूं की गुणवत्ता से अत्यधिक संतुष्ट है." इतनी मात्रा में गेहूं पाकिस्तान के रास्ते भूमि मार्ग से पंजाब से अफगानिस्तान ले जाया गया. परिवहन किए गए गेहूं को अमृतसर के पास 50,000 मीट्रिक टन क्षमता के पनग्रेन स्टील साइलो में रखा गया था.
(IANS)