हैदराबाद : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने हाल ही में अपनी 16वीं रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में वैश्विक जोखिम का जिक्र किया गया है. विश्व आर्थिक मंच ने सामाजिक बिखराव पर चिंता जताई है. कोरोना महामारी के बीच मानव स्वास्थ्य के लिए बढ़ रहे जोखिमों, बढ़ती बेरोजगारी. युवाओं का मोहभंग और भू-विखंडन का जिक्र किया है. व्यवसाय के जोखिमाें का भी जिक्र किया है कि भविष्य में कंपनियों के बड़े समूह बाजार से बाहर हो सकते हैं, जिसका सीधा असर यहां काम करने वाले श्रमिकों पर पड़ेगा.
अगले दस वर्षों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा चिंता संक्रामक रोगों को लेकर है. मौसम से जुड़ी घटनाएं, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय नुकसान, डिजिटल असमानता और साइबर सुरक्षा भी चिंता का कारण है.
सामाजिक सामंजस्य की कमी चिंता का कारण
अगले दो वर्षों की बात की जाए तो रोजगार और आजीविका संकट गहरा सकता है. युवाओं का विस्थापन होगा. डिजिटल असमानता को बढ़ावा मिल सकता है. आर्थिक ठहराव होगा. मानव निर्मित पर्यावरणीय क्षति, सामाजिक सामंजस्य की कमी और आतंकवादी हमले चिंता का कारण बनेंगे.
अगले तीन से पांच साल में गहरा सकता है ऋण संकट