हैदराबाद :स्वास्थ्य के क्षेत्र में लंबे समय से डायबिटीज की समस्या बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस गंभीर स्वास्थ्य खतरे के बारे में बढ़ती चिंताओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 1991 में अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से विश्व मधुमेह दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. वहीं साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र ने संकल्प पारित कर 14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस के रूप में निर्णय लिया गया. इसके बाद से आधिकारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र दिवस की सूची में शामिल हो गया.
डायबिटीज वैश्विक जागरूकता अभियान
विश्व डायबिटीज डे, विश्व का सबसे बड़ा डायबिटीज जागरूकता अभियान है. इस अभियान के द्वारा 160 देशों के 1 अरब से ज्यादा लोगों तक डायबिटीज के बारे में जागरूक किया जाता है. विश्व मधुमेह दिवस का लक्ष्य, डायबिटीज के बारे में सार्वजनिक और राजनीतिक सुर्खियों के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य समस्या के निदान के लिए ठोस कार्रवाई करने के नीति निर्माताओं का ध्यान आकृष्ट करना है.
अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन की ओर से डायबिटी जागरूकता अभियान के लिए नीले वृत्त लोगो (Blue Circle Logo) तय किया गया है. 2007 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से डायबिटीज पर लाये गये प्रस्ताव के बाद इस लोगो को तय किया गया है. यह लोग वैश्विक स्तर पर डायबिटीज पीड़ित समुदाय के बीच एकता का प्रतीक है.
सालाना या कई सालों के लिए विश्व मधुमेह दिवस के लिए अलग-अलग थीम का निर्धारण किया जाता है. 2021-23 के लिए थीम मधुमेह देखभाल तक पहुंचनिर्धारित किया गया है.
वैश्विक स्तर पर आंकड़ों में डायबिटीज
- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन की ओर से 2023 में कराये गये शोध के अनुसार भारत में 10.1 करोड़ (101 मिलियन) डायबिटीज से पीड़ित हैं. वहीं 13.6 करोड़ (136 मिलियन) लोग प्री-डायबिटीज स्टेज में हैं.
- अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार 2021 में 537 मिलियन (53.7 करोड़) लोग डायबिटीज के साथ जीवन जी रहे थे. अर्थात 10 में से 1 वयस्क को मधुमेह से पीड़ित थे.
- साल 2030 तक यह संख्या 643 मिलियन (64.3 करोड़) और 2045 तक 783 मिलियन (78.3 करोड़) तक बढ़ने का अनुमान है.
- दुनिया भर में 240 मिलियन लोग ऐसे हैं जो डायबिटीज से पीड़ित हैं, , लेकिन जांच नहीं होने के कारण पीड़ित को इस बारे में जानकारी नहीं है. अर्थात हर 2 में से एक व्यक्ति (लगभग 44 फीसदी व्यस्क) डायबिटीज से पीड़ित हैं. इनमें अधिकांश को टाइप 2 डायबिटीज के मरीज हैं.
- डायबिटीज से पीड़ित 4 में से 3 से अधिक पीड़ित निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं.
- 541 मिलियन वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित होने का खतरा है.
- 1.2 मिलियन से ज्यादा बच्चे व किशोर (0-19 वर्ष) टाइप 1 डायबिटीज के साथ जीवन जी रहे हैं.
- डायबिटीज के कारण साल 2021 में 6.7 मिलियन मौतें हुईं.
- 2021 में डायबिटीज पर स्वास्थ्य व्यय में कम से कम 966 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल पर कुल खर्च का करीबन 9 फीसदी डायबिटीज पर खर्च हुआ है.
-
6 में से 1 जीवित (21 मिलियन) गर्भावस्था में उच्च रक्त ग्लूकोज (हाइपरग्लाइकेमिया) से प्रभावित हैं.