नीतू घणघस के पिता की प्रतिक्रिया नई दिल्ली: नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में चल रही महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भिवानी के धनाना गांव की मुक्केबाज नीतू घणघस ने 48 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने मंगोलियाई मुक्केबाज लुत्सेखान को 5-0 से हराया. इससे पहले उन्होंने कजाकिस्तान की मुक्केबाज को 5-2 के अंतर से हराकर फाइनल मैच में प्रवेश किया. नीतू का हौसला बढ़ाने के लिए द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश सिंह, पिता जयभगवान घणघस, ताऊ कृष्ण, रणबीर सिंह और भाई अक्षित भी मैच में मौजूद रहे.
मुक्केबाज नीतू के पिता जयभगवान ने बताया कि देशवासियों के लिए ये बहुत की खुशी का पल है. ये नीतू की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वो वर्ल्ड चैंपियन बनी है. एक किस्से को साझा करते हुए नीतू के पिता ने बताया कि शुरुआत के तीन साल में नीतू का प्रदर्शन औसत था. तब उसे लगा कि बॉक्सिंग छोड़ देती हूं. उसने इस बारे में अपने पिता से बात की. जिसके बाद जयभगवान ने उसे समझाया और कहा कि तुम्हे बॉक्सिंग नहीं छोड़नी. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना नीतू का अगला लक्ष्य है.
जयभगवान ने बताया कि वो हरियाणा विधानसभा में नौकरी करते हैं. नीतू ने वर्ष 2012 में भिवानी में कोच जगदीश के पास ट्रेनिंग शुरू की थी. इसके बाद वह निरंतर मेहनत करती रही हैं. यही वजह है कि नीतू आज इस मुकाम पर पहुंची है. नीतू फिलहाल चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय से एमपीएड की पढ़ाई कर रही है. उसका छोटा भाई अक्षित कुमार शूटिंग का खिलाड़ी है, जिसने हाल ही में नेशनल स्तर पर भाग लिया था. उन्होंने कहा कि नीतू पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पदक जीते हैं. अब विश्व चैंपियनशिप में भी वह स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करेगी. नीतू घणघस के पिता का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी नीतू पर नाज है.
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कौन हैं नीतू घणघस:महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में प्रतिभागी नीतू घणघस भिवानी के धनाना गांव की रहने वाली है. नीतू को बॉक्सिंग का हमेशा से ही शौक रहा है. बीते 6 अगस्त 2022 को आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने भाग लिया था. ये खेल बर्मिंघम में कराया गया था. उस समय नीतू ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था और इतिहास बनाया था. 2012 की बात करें तो उन्होंने मुक्केबाजी की शुरूआत की. 2017 में उन्होंने आईबा यूथ वूमेन बॉक्सिंग प्रतियोगिता स्वर्ण पदक जीता था. 2016 में पैल्विक इंजरी से रिक्वर होने के बाद पदक जीता. नीतू ने आईबा यूथ बॉक्सिंग 2022 में बुल्गारिया में 73वें सरांडजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड अपने नाम किया था. इसके साथ ही 2019 से दो साल तक उन्हें शोल्डर में चोट लगने की वजह से बॉक्सिंग से दूर रहना पड़ा था.