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मध्य प्रदेश : 'अपनों' के ही बीच महफूज नहीं महिलाएं, आंकड़े दे रहे गवाही

मध्य प्रदेश में महिला अपराधों के मामलों में पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2021 में अभी तक बलात्कार की 2,927 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. बलात्कार और बलात्कार के प्रयास के 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में आरोपी करीबी या परिचित ही रहा है.

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Published : Aug 3, 2021, 10:39 PM IST

भोपाल : प्रदेश में महिला अपराध की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. पिछले साल की अपेक्षा छेड़खानी, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में करीब 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. बलात्कार के 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में आरोपी परिचित या करीबी ही रहा है. प्रदेश में साल 2021 में अभी तक बलात्कार की 2,927 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ऐसी घटनाएं रोकने और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है.

20 फीसदी बढ़ी घटनाएं

प्रदेश में बलात्कार, छेड़खानी और बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में पिछले साल की अपेक्षा बढ़ोत्तरी हुई है. बीते छह माह के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ऐसी घटनाएं करीब 20 फीसदी बढ़ी हैं.

छेड़खानी

साल 2020 में छेड़खानी के 3,728 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल जून माह तक 4,053 मामले छेडखानी के दर्ज किए गए.

बलात्कार

साल 2020 में बलात्कार के 2,688 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल पिछले 6 माह में 2,927 मामले दर्ज किए गए हैं.

बलात्कार का प्रयास

साल 2020 में शुरुआती 6 माह में 98 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल 6 माह में 128 में मामले दर्ज किए गए हैं.

50 फीसदी से ज्यादा मामलों में करीबी ही आरोपी

बलात्कार और बलात्कार के प्रयास के 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में आरोपी करीबी या परिचित ही होता है. ऐसे मामलों में महिला को पता होता है कि बलात्कार का आरोपी कौन है. ऐसे आरोपी परिवार के सदस्य, पड़ोसी, परिजनों के मित्र या महिला के परिचित ही होते हैं. इसी तरह शादी का झांसा देकर बलात्कार के मामलों की संख्या भी काफी ज्यादा है.

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हर जिले में खोली गई ऊर्जा डेस्क

प्रदेश में महिला अपराधों में कमी लाने के लिए हर जिले में महिला थानों का गठन किया गया है. इसी तरह प्रदेश के करीब 700 थानों में ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है. इस डेस्क पर महिला अपराध से जुड़ों मामलों की ही सुनवाई की जाती है. महिला सुनवाई के लिए सभी जिलों में पुलिस मुख्यालय द्वारा एसओपी भी जारी की गई है.

एडीजी महिला सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के मुताबिक महिला अपराधों में कमी लाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं. सभी जिलों में ऊर्जा डेस्क बनाई गई है. कोशिश है कि ऐसी घटनाओं में कमी लाई जा सके.

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