नई दिल्ली :कुछ समय पहले तक भारत को धीरज और ताकत वाले खेलों में 'खेल शक्ति' के रूप में नहीं जाना जाता था, लेकिन देश की 13 लाख की मजबूत सेना इस क्षेत्र में नया अध्याय गढ़ रही है. भारतीय सेना अपने दोहरे मंत्र 'कैच देम यंग' और 'अर्ली रिक्रूटमेंट' के साथ खेल के क्षेत्र में भी देश को मजबूती दे रही है. बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में सोमवार (1 अगस्त, 2022) तक भारत ने तीन स्वर्ण पदकों जीते, जिनमें से दो भारतीय सेना के खिलाड़ियों के हैं.
रविवार को मिजोरम के आइजोल के रहने वाले जेरेमी लालरिनुंगा (Jeremy Lalrinnunga) ने वेटलिफ्टिंग में पुरुषों के 67 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता. जबकि पश्चिम बंगाल के देउलपुर के रहने वाले 20 वर्षीय अचिंता शेउली (Achinta Sheuli) ने 73 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.
इतना ही नहीं दोनों ने क्रमश: 313 और 300 किग्रा भार उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों के नए रिकॉर्ड स्थापित बनाए. खास बात यह है कि ये दोनों भारतीय सेना से हैं. इनकी खेल प्रतिभा को भारतीय सेना ने काफी पहले ही पहचान लिया था. जेरेमी लालरिनुंगा नायब सूबेदार हैं, वहीं शेउली सिग्नल कोर में हवलदार हैं. बहुत कम उम्र में दोनों की प्रतिभा की पहचान हो गई थी जिसके बाद दोनों ने आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में दाखिला लिया.
वैसे तो 2001 से ही भारतीय सेना खेलों में पदक के लिए एक मिशन की तरह काम कर रही है. जिसमें 'मिशन ओलंपिक' के लिए 'मिशन ओलंपिक विंग' और 'मिशन ओलंपिक विंग नोड्स' के साथ अच्छी तरह से कार्यक्रम को लागू कर रही है. पहले से ही इस कार्यक्रम को एक समृद्ध ओलंपिक इनाम मिला है.