आगरा: तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश (Coonoor Helicopter Crash) के बाद से पूरा देश गम में है. मगर आगरा के लिए यह हेलीकॉप्टर हादसा बेहद दुखदाई है. बता दें, जो हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ है उसकी कमान आगरा के जाबांज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (wing commander prithvi singh chauhan) के हाथों में थी. हादसे के बाद से पृथ्वी सिंह चौहान के न्यू आगरा स्थित घर पर कोहराम मचा हुआ है.
बता दें, हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा के जांबाज सपूत पृथ्वी सिंह चौहान भी शहीद हुए हैं. मां और बहनों का रो-रोकर हाल बेहाल है. रिश्तेदार और परिचितों का घर पर तांता लगा हुआ है.
आगरा के जाबांज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान भी हुए शहीद पृथ्वी सिंह चौहानकी काबिलियत की कायल थी वायुसेना
न्यू आगरा निवासी सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि बेटा विंग कमांडर पृथ्वी सिंह हेलीकॉप्टर पायलट था. पृथ्वी के युद्ध कौशल की वायुसेना भी कायल थी. उन्होंने सूडान में विशेष ट्रेनिंग ली थी. जिसके बाद से ही विंग कमांडर पृथ्वी की गिनती वायुसेना के जाबांज पायलट के रूप मे होने लगी थी. पिता सुरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद विंग कमांडर पृथ्वी की पहली पोस्टिंग हैदराबाद में हुई थी. इसके बाद पृथ्वी सिंह चौहान की पोस्टिंग गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्य एयरफोर्स स्टेशन पर रही.
आगरा के जाबांज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान भी हुए शहीद कारोबार छोड़कर चुनी था देश सेवा
न्यू आगरा की सरन नगर कॉलोनी निवासी और विंग कमांडर पृथ्वी सिंह के पिता सुरेंद्र सिंह बेकरी कारोबारी हैं. बता दें, सुरेंद्र सिंह की चार बेटियों शकुंतला, मीना, गीता और नीता के बाद सबसे छोटे और इकलौते बेटे पृथ्वी सिंह चौहान थे. वे करीब 25 साल तक ग्वालियर में रहे. जहां पर बेकरी का कारोबार किया. विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान ने आर्मी स्कूल रीवा से 12वीं तक की पढ़ाई की है. उसके बाद पृथ्वी सिंह चौहान वायुसेना में भर्ती हो गए. सन 2000 में उनकी भारतीय वायु सेना में ज्वाइनिंग हुई. वर्तमान में वे विंग कमांडर थे और कोयम्बटूर के पास एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात थे. वहीं, उनका विवाह सन 2007 में वृंदावन निवासी कामिनी सिंह से हुआ था. उनकी 12 वर्षीय बेटी आराध्या और नौ वर्षीय बेटा अविराज है.
आगरा के जाबांज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान भी हुए शहीद मां का रो-रोकर हाल बेहाल
मां सुशीला और पिता सुरेंद्र सिह चौहान का रो-रोकर हाल बेहाल है. उनका कहना है कि बेटे की तैनाती कोयम्बटूर के पास एक एयरफोर्स स्टेशन पर थी. बुधवार दोपहर हेलीकॉप्टर क्रेश होने की खबर उन्हें उनकी बेटी शकुंतला ने दी थी. इसके बाद उन्होंने अपने भाई पृथ्वी को फोन किया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था. इसके बाद उन्होंने बहू कामिनी से संपर्क किया. बहू कामिनी ने इस दुखद हादसे की जानकारी दी. मां ने बताया कि अभी एयरफोर्स के स्तर पर उन्हें सूचना नहीं मिली है. इसके बाद घर पर रिश्तेदार और परिचितों का जुटना शुरू हो गया. देर शाम तक यह खबर धीरे-धीरे फैल गई और घर पर भीड़ जमा हो गई.
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पिता की भी भर आईं आखें
शहीद पृथ्वी सिंह चौहान के बारे में पूछने पर पिता सुरेंद्र सिंह चौहान की आंखें भर आईं. उन्होंने कहा कि मेरा कारोबार खूब अच्छा था. मगर, दोस्तों के साथ बेटा पृथ्वी सिंह चौहान ने सेना में जाने की ठान ली थी. उन्होंने यह फैसला उस समय लिया था जब वो दोस्तों के साथ टीवी देख रहा था. उन्होंने कहा कि बेटा पृथ्वी की अभी उम्र करीब 42 साल थी. उसकी पोस्ट विंग कमांडर की थी. तीन दिन पहले ही बेटे से उनकी बातचीत हुई थी. उन्होंने मां सुशीला चौहान की आंख के इलाज को लेकर बात की थी. कहा था कि जल्द ही मां की आंख का इलाज कराएंगे. आगरा के एमएच में उनका उपचार कराना था. मगर, आज यह खबर आई कि जो अपने कौशल और काबिलियत से दुश्मन के लड़ाकू विमानों को चकमा देता था, वो पृथ्वी हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खामी से शहीद हो गया.