बेंगलुरु: कर्नाटक में 28 फरवरी तक साइनबोर्ड और नेम प्लेट पर कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल 60 फीसदी अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि अधिनियम में संशोधन करने और इस संबंध में एक अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम (केएलसीडीए) - 2022 की धारा 17(6) में भी संशोधन लाएगी, जिसे पिछली भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 10 मार्च, 2023 को लागू किया था.
कन्नड़ और संस्कृति विभाग और बेंगलुरु नागरिक एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'लोगों को नियमों का पालन करना होगा और अगर कोई उनकी अनदेखी करता है, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे. यह मैं सभी को स्पष्ट कर रहा हूं. मैं सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे कानून को अपने हाथ में न लें.'
कई जगह हुए थे प्रदर्शन :मुख्यमंत्री का यह बयान 27 दिसंबर को कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा साइनबोर्ड, नेमप्लेट और विज्ञापनों पर कन्नड़ भाषा प्रदर्शित करने की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन करने के मद्देनजर आया है.
KLCDA-2022 के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिनियम की धारा 17 (6) कहती है कि वाणिज्यिक, औद्योगिक या व्यावसायिक संगठनों, संस्थानों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, मनोरंजन केंद्रों, होटलों आदि को साइनबोर्ड और नेम प्लेट पर सरकार या स्थानीय प्रतिनिधियों की सहमति से कन्नड़ में जानकारी आधी जगह आवंटित करनी चाहिए, शेष भाग किसी अन्य भाषा में हो सकता है.