चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu) ने एक बार फिर शुक्रवार को राज्य में अपनी सरकार पर सवाल उठाया कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी (former DGP Sumedh Singh Saini) को अग्रिम जमानत के विरुद्ध सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका क्यों नहीं दायर की. सिद्धू ने अपने पूर्ववर्ती सुनील जाखड़ को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया.
इसके बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जाखड़ ने व्यंग्यात्मक लहजे में ट्वीट कर इसका उत्तर दिया. पंजाब के फरीदकोट में 2015 में एक धार्मिक पुस्तक की बेअदबी का विरोध कर रहे लोगों पर गोली चलाने के एक मामले में सैनी आरोपी हैं.
सिद्धू ने अमृतसर में संवाददाताओं से बातचीत में सरकार से पूछा कि बेअदबी के मामले में उसने क्या कदम उठाए. इसके साथ ही सिद्धू ने कहा कि मादक पदार्थ के मुद्दे पर एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
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सिद्धू ने जाखड़ की आलोचना करते हुए कहा, 'मैं हमेशा याद दिलाता रहता हूं. इसमें मेरा क्या हित है. कल मैंने (मोगा में) मंच से यह कहा था. पूर्व अध्यक्ष ट्वीट करते रहते हैं लेकिन उन्होंने क्या कभी इन मुद्दों को उठाया.' जाखड़ ने एक शेर से इसका जवाब दिया जिसका मतलब था कि 'बुत' उन्हें 'काफिर' कह रहा है. सिद्धू ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था और यह समयसीमा बीत चुकी है.
उन्होंने पूछा कि सैनी को दी गई अग्रिम जमानत के विरुद्ध विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई. सिद्धू ने कहा, 'अगर आरोपी को अग्रिम जमानत दी गई है तो जांच पूरी कैसे होगी.' उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से सवाल किया, 'हर कोई जानना चाहता है कि सरकार का इरादा क्या है. अगर सैनी को अग्रिम जमानत मिल गई है तो क्या आपने एसएलपी दायर की? 10 सितंबर को उन्हें अग्रिम जमानत मिली थी, क्या उसके विरुद्ध एसएलपी दायर की गई.' मादक पदार्थ पर विशेष कार्यबल के बारे में सिद्धू ने कहा कि उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से सरकार को कौन रोक रहा है.