दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

WHO की स्वीकृति कोवैक्सीन के लिए दुनिया भर में पहुंच का रास्ता खोलेगी: डॉ. वीके पॉल - विशेष साक्षात्कार

डब्ल्यूएचओ से भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन (Covaxin) को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सूचीबद्ध (ईयूएल) किया जाना भारतीय वैक्सीन अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) के लिए मील का पत्थर साबित होगा. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

डॉ. वीके पॉल
डॉ. वीके पॉल

By

Published : Oct 6, 2021, 10:34 PM IST

नई दिल्ली: कोविड 19 पर भारत के राष्ट्रीय कार्य बल के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी के लिए सूचीबद्ध (ईयूएल) करने से इसकी व्यापक स्वीकृति और दुनिया भर में पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा के एक दिन बाद कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के कोवैक्सिन की आपातकालीन उपयोग सूची पर निर्णय अगले सप्ताह अंतिम रूप दिया जाएगा, डॉ. पॉल ने कहा कि यह वास्तव में बड़ा कदम है.

डॉ. पॉल ने नई दिल्ली में 'ईटीवी भारत' को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, 'डब्ल्यूएचओ की मंजूरी से कोवैक्सिन की व्यापक स्वीकृति का मार्ग प्रशस्त होगा....सबसे बढ़कर, यह भारतीय वैक्सीन अनुसंधान और विकास उद्यम के लिए मील का पत्थर साबित होगा और इतिहास रचेगा.'
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा है कि Covaxin निर्माता लगातार WHO को डेटा जमा कर रहे हैं. 27 सितंबर को WHO के अनुरोध पर अतिरिक्त जानकारी दी है. डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ फिलहाल इस सूचना की समीक्षा कर रहे हैं और यदि वह सभी चिंताओं का हल करता हैं तो डब्ल्यूएचओ मूल्यांकन अगले सप्ताह अंतिम रूप से हो जाएगा.

कई देशों में वैक्सीन को अभी भी मंजूरी नहीं मिली है, ऐसे में विदेश जाने वाले भारतीयों को सामस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह उन करोड़ों भारतीयों के लिए बहुत मायने रखता है.

कई देश पहले ही दे चुके मान्यता

अब तक, Covaxin को दुनिया भर में नौ विदेशी काउंटियों गुयाना, ईरान, मॉरीशस, मैक्सिको, नेपाल, पराग्वे, फिलीपींस और जिम्बाब्वे द्वारा अनुमोदित किया गया है. दूसरी ओर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोविशील्ड को कथित तौर पर दुनिया भर के 130 देश से मान्यता है. Covaxin के लिए WHO की मंजूरी का मतलब यह होगा कि अन्य देश जिन्हें Covid19 टीके की आवश्यकता है वे भी भारत से वैक्सीन का आयात कर सकते हैं.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ संयुक्त रूप से विकसित भारत बायोटेक का कोवैक्सीन काफी प्रभावी है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि 'Covaxin को होल-विरियन इनएक्टिवेटेड वेरो सेल इनएक्टिव प्लेटफॉर्म तकनीक (Whole-Virion Inactivated Vero Cell derived platform technology) का उपयोग करके विकसित किया गया है.' भारत बायोटेक ने कहा, 'इसमें मृत वायरस होते हैं जो लोगों को संक्रमित नहीं करते, फिर भी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण के खिलाफ रक्षात्मक प्रतिक्रिया देने में सक्षम होते हैं. कोवैक्सीन कोरोना से लड़ने में 77.8 प्रतिशत प्रभावी है.'

पढ़ें- डब्ल्यूएचओ अगले सप्ताह कोवैक्सीन को मंजूरी देने पर करेगा अंतिम फैसला

इस मुद्दे पर एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने बताया कि वैक्सीन (कोवैक्सिन) जिसे पहले से ही कई देशों द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है अब व्यापक स्वीकृति की गुंजाइश मिलेगी.

पढ़ें- Covaxin WHO Nod : नीति आयोग सदस्य बोले, जल्द सकारात्मक फैसले की उम्मीद

डॉ. ज्ञानी ने कहा, 'कोवैक्सीन अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है. केवल कुछ तकनीकी कारण हैं कि डब्ल्यूएचओ ने पहले इसे मंजूरी नहीं दी है. मेरा मानना ​​​​है कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी निश्चित रूप से अगले सप्ताह इसे मंजूरी देगी और देश इस भारतीय वैक्सीन को स्वीकार करेंगे.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details