दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जब कल्याण सिंह बने थे पहली बार स्वास्थ्य मंत्री, घर में नहीं थे दरवाजे

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार देर रात निधन होने के बाद उनके पैतृक गांव में शोक की लहर है. अलीगढ़ के मड़ौली गांव के लोग आज बाबूजी को याद कर दुखी हो रहे हैं. आइये जानते हैं ग्रामीणों से बाबूजी के बारे में...

कल्याण सिंह
कल्याण सिंह

By

Published : Aug 22, 2021, 4:51 PM IST

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के गवर्नर रहे भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह (Klayan Singh) अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके किस्से और लोगों द्वारा बताई गई बातों को याद करते हुए उनके पैतृक गांव मढौली के निवासी थक नहीं रहे हैं. अतरौली तहसील के मड़ौली ग्राम निवासियों का कहना है कि बाबूजी ने जिस भी क्षेत्र में कदम रखा, वहां उन्हें कामयाबी मिली. उन्होंने खेती किसानी, शिक्षा राजनीति क्षेत्र में काम करके दिखाया है. ग्राम मढ़ौली का नाम देशभर में उन्होंने ऊंचा किया है. उनके निधन के बाद हमारे दुःख का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता. हमें कितना दुःख हुआ है. ये बातें कह सुभाष लोधी की आंखों में पानी आ गया .

उन्होंने बताया कि बाबूजी किसान के रूप में गांव के लोगों को बताया कैसे खेती करनी है, उसी मॉडल पर लोग खेती कर रहे हैं और कामयाब हैं. शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने खूब नाम कमाया, राजनीति में आने से पहले वे सरकारी शिक्षक रहें. राजनीति के क्षेत्र में तो उन्होंने पूरे देश में ऐसा नाम कमाया, जिससे गांव की पहचान हुई.

सुभाष बताते हैं कि जब में 4 वर्ष के थे तभी से बाबूजी मुझे बहुत लाड प्यार करते थे. जब मैं 8 वीं क्लास में जब था, तब मेरी अंग्रेजी को देखकर उन्होंने कहा था की तेरी अंग्रेजी बहुत अच्छी है. तू अंग्रेजी से ही एमए करना. उनकी बात मानी और अंग्रेजी से एमए किया. सुभाष कहते है कि मैं और सुखबीर जब तक हम नहीं आ जाते थे, तब तक वह गांव में किसी शादी समारोह में आकर खाना नहीं खाते थे.

जब कल्याण सिंह पहली बार स्वास्थ्य मंत्री बने थे, तब उनके घर में दरवाजे नहीं थे

सुभाष लोधी कहते हैं कि कल्याण सिंह नगर पालिका में टीचर हुआ करते थे. उस समय के संघ प्रचारक मांगीलाल शर्मा थे. उन्होंने उस समय सोचा था कि कल्याण सिंह को राजनीति में लेकर आऊंगा. ये बीज एक दिन बहुत बड़ा पौधा बनेगा. इसके बाद नौकरी से इस्तीफा देकर कल्याण सिंह ने पहला इलेक्शन 1962 में लड़ा था. उस चुनाव को कल्याण सिंह हार गए थे. उसके बाद वह जीतते रहे और 9 बार विधायक रहे.

पढ़ें - जब कल्याण सिंह ने कहा था, यूपी में मर चुकी भाजपा !

वह बहुत ईमानदार थे, एक पैसा घर में दो नंबर का नहीं आया. उन्होंने बताया कि जब वह स्वास्थ्य मंत्री थे उस दौरान उनके मड़ौली स्थित घर में एक कमरे को छोड़कर किसी में भी दरवाजे नहीं थे और न ही कोई कुर्सी थी. इसके बाद हम लोगों ने घर में दरवाजा और कुर्सी की व्यवस्था की थी.

पढ़ें - मेरठ की सभा में बोले थे कल्याण सिंह - इतना धीरे बोलोगे तो मंदिर कैसे बनेगा

उन्होंने बताया कि राम मंदिर के लिए बाबूजी को मुलायम सिंह यादव ने जब कारसेवकों पर गोली चलवाई और कई कारसेवक मारे गए. उसी समय कल्याण सिंह ने ये दृढ़ निश्चय किया था कि राम मंदिर बनवाऊंगा.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details