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पश्चिम बंगाल: कर्नाटक के बाद अब हावड़ा के स्कूल में हिजाब विवाद, हंगामे के चलते रुकी परीक्षा

कर्नाटक के एक स्कूल में हिजाब को लेकर जो मामला उठा था, उसका निस्तारण अभी सुप्रीम कोर्ट में चल ही रहा है, कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी अब एक स्कूल में हिजाब को लेकर छात्र-छात्राओं के बीच तनातनी हुई, जिससे स्कूल प्रशासन को परीक्षा रोकनी पड़ी.

ruckus on hijab in howrah
हावड़ा में हिजाब पर बवाल

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Published : Nov 22, 2022, 10:24 PM IST

हावड़ा (पश्चिम बंगाल): कर्नाटक के बाद पश्चिम बंगाल में भी हिजाब को लेकर बहस शुरू हो गई है. विवाद के चलते मंगलवार को हावड़ा के एक सरकारी स्कूल में तनाव बढ़ गया. नतीजतन, स्कूल प्रशासन को परीक्षा रद्द करनी पड़ी. घटना सोमवार को हावड़ा के धूलागोरी आदर्श विद्यालय में हुई. जानकारी के अनुसार 12वीं कक्षा के छात्राओं के एक समूह ने कक्षा 9वीं और 12वीं के छात्राओं के हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश करने पर आपत्ति जताई थी.

उनका दावा है कि अगर वे हिजाब पहनकर स्कूल आ सकती हैं तो वे भी नामावली पहनकर स्कूल आएंगी और उन्हें भी स्कूल में प्रवेश दिया जाए. इसी तरह मंगलवार को 12वीं कक्षा के पांच छात्र-छात्राएं नामावली पहनकर स्कूल आईं. स्कूल के दसवीं से बारहवीं कक्षा के हिजाब पहनने वाली छात्राओं ने जल्द ही विरोध किया. इसके बाद स्कूल परिसर के अंदर दोनों पक्षों में बहस होने लगी और स्कूल में कथित तौर पर तोड़फोड़ की खबरें भी सामने आईं. सांकराइल पुलिस स्थिति को संभालने के लिए रवाना हुई.

हावड़ा के स्कूल में हिजाब को लेकर विवाद

अशांति के चलते स्कूल प्रशासन ने मंगलवार को ग्यारहवीं की परीक्षा रद्द करने का भी आदेश दिया. हालांकि, स्थानीय निवासियों ने शिकायत की कि मुस्लिम छात्र प्रत्येक प्रार्थना के दिन दो कक्षाओं के बाद ही नमाज पढ़ने जाते हैं. ये गांव के अलग-अलग जगहों पर खुलेआम स्मोकिंग करते नजर आते हैं, इनमें से कुछ तो दूसरे के घर भी जाते नजर आते हैं. यह घटना काफी समय से चल रही है तो विरोध में स्कूल के कुछ छात्र नेम टैग लगाकर आ गए. लेकिन वे स्कूल के बाहर खड़े थे.

पता चला कि इन छात्राओं को स्कूल के अधिकारियों ने अपनी नाम की शर्ट उतारकर स्कूल में प्रवेश करने के लिए कहा था, लेकिन छात्राओं ने इसका विरोध किया और कहा कि अगर उन्हें हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश करने दिया जाता है तो उन्हें अपने नाम के साथ प्रवेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? इसके बाद, स्कूल में अराजकता फैल गई. इस बारे में स्थानीय निवासी राहुल मंडल ने कहा 'नमाज के नाम पर छात्रा स्कूल से बाहर निकलते हैं . बाहर खुलेआम धूम्रपान करते हैं. कई बार स्कूल बंद हो चुका है, स्कूल के अंदर दंगे हो चुके हैं. स्कूल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हिजाब बंद करने पर स्कूलों में सरस्वती पूजा बंद करने की धमकी भी दी गई है.'

स्कूल के दसवीं कक्षा के एक छात्र के अनुसार 'हिजाब पहनने से पहले हमें कई बार स्कूल से प्रतिबंधित किया गया. किसी ने नहीं सुना. आज जब कुछ छात्र शर्ट पर अपना नाम लिखकर परीक्षा में शामिल हुए तो कुछ लड़कियों ने आपत्ति जताई. स्कूल के शिक्षकों ने परीक्षा के बाद चर्चा कर समाधान निकालने की अपील की. टेबल और बेंच उलट दिए गए.' हालांकि, प्रतिशोध के आरोप लगाए गए हैं. स्कूल के प्रधानाध्यापक अरिंदम मंडल स्कूल के अंदर हुई तोड़फोड़ और हिंसा की घटना को स्वीकार नहीं करना चाहते थे.

प्रधानाध्यापक ने कहा 'सोमवार को तीन लोग नामावली (नाम की कमीज) पहनकर आए. जब उन्हें कमीज उतारने के लिए कहा गया, तो उन्होंने ऐसा किया. सोमवार को परीक्षा के बाद स्कूल की आपात बैठक बुलाई गई. धार्मिक वस्त्र पहनकर विद्यालय में प्रवेश वर्जित था और उस निर्णय से आज स्कूली छात्रों को अवगत कराया गया.' हालांकि मंगलवार को पांच छात्र फिर नामावली पहनकर आए. दूसरे समुदाय के छात्रों ने इसका विरोध किया.

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इसके बाद कहासुनी शुरू हो गई, जब पुलिस को सूचना दी गई तो उन्होंने आकर स्थिति को काबू में किया. इस दिन दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं की इतिहास की परीक्षाएं रद्द कर दी गई. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले कर्नाटक में क्लासरूम में हिजाब पहनने को लेकर विवाद हुआ था. मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक गया. उच्च न्यायालय ने बाद में फैसला सुनाया कि हिजाब पहनने और स्कूलों व कॉलेजों के बाहर घूमने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनना मौलिक अधिकार नहीं है.

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