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दक्षिण गुजरात, विदर्भ, दक्षिणपूर्व राजस्थान, ओडिशा में आज भी होगी बारिश

अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण गुजरात में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, विदर्भ, दक्षिणपूर्व राजस्थान, ओडिशा के कुछ हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.

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दक्षिण गुजरात, विदर्भ, दक्षिणपूर्व राजस्थान, ओडिशा में आज भी होगी बारिश

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Published : Jul 15, 2022, 8:29 AM IST

नई दिल्ली/गुवाहाटी/अमरावती (आंध्र प्रदेश) : मौसम की जानकारी देने वाली बेवसाइट स्काईमेट वेदर के अनुसार, मॉनसून ट्रफ़ वर्तमान में दिल्ली के दक्षिण में है. बंगाल की खाड़ी से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पूर्वी हवाओं के साथ बहुत नमी आ रही है. इसके अलावा, एक पश्चिमी विक्षोभ है जिसके साथ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब क्षेत्र पर भी बना हुआ है. इन मौसम विशेषताओं के कारण स्काईमेट का अनुमान है कि अगले दो दिनों तक कम बारिश के साथ ये मौसम की गतिविधियां देखी जा सकती हैं. उसके बाद हवाओं में बदलाव देखने को मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप इस तरह की गतिविधियां बंद हो जाएंगी.

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को मौसम गर्म और उमस से भरा रहा तथा अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार शहर के कुछ हिस्सों में सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे के बीच बहुत हल्की बारिश या बूंदाबांदी हुई. आईएमडी के मुताबिक भी दिल्ली में शुक्रवार को भी गुरुवार जैसा ही मौसम रहने की संभावना है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को हल्की बारिश के साथ आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे. अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 38 और 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा.

देशभर की बात करें तो आईएमडी के मुताबिक, गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र अब निम्न दबाव में बदल गया है और अब यह आंतरिक ओडिशा और छत्तीसगढ़ पर स्थित है. मानसून की अक्षीय रेखा अभी भी अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है और बीकानेर, कोटा, गुना, सतना, पेंड्रा रोड, कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र, झारसुगुडा और फिर दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की पूर्व मध्य खाड़ी से गुजर रही है. एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पाकिस्तान और इससे सटे क्षेत्र पर बना हुआ है.

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अगले 24 घंटों का अनुमान :इस वजह से अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण गुजरात में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों, विदर्भ, दक्षिणपूर्व राजस्थान, ओडिशा के कुछ हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़, तटीय कर्नाटक, केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा के कुछ हिस्सों, झारखंड के गंगीय पश्चिम बंगाल के हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, सिक्किम के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश हो सकती है.

असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार, 2.29 लाख अब भी प्रभावित : असम में बाढ़ की स्थिति में गुरुवार को सुधार जारी रहा. हालांकि, चार जिलों में अब भी करीब 2.29 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी. बुलेटिन में कहा गया है कि बुधवार तक राज्य के पांच जिलों में आपदा के कारण 2.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित थे. इसके अनुसार, असम प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि कछार, चिरांग, मोरीगांव एवं तामुलपुर जिलों में कुल मिलाकर 2 लाख 28 हजार 500 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

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इसमें कहा गया है कि राज्य में इस साल अब तक बाढ़ एवं भूस्खलन से 193 लोगों की मौत हो चुकी है . कछार सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 1.34 लाख लोग प्रभावित हैं . इसके बाद मोरीगांव (92,850) और तामुलपुर (1,050) का स्थान है . इसमें कहा गया है कि 175 गांव अब भी पानी में डूबे हुये हैं और 527 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं . पांच जिलों में 61 राहत शिविर एवं वितरण केंद्र चल रहे हैं, जहां 2636 बच्चों समेत 15,705 लोग शरण लिये हुये हैं .

गोदावरी नदी का स्तर बढ़ा, अगले तीन दिन में भीषण बाढ़ की आशंका : आंध्र प्रदेश में 36 साल के अंतराल के बाद भीषण बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि गोदावरी नदी भयंकर रूप लेती जा रही है. जिससे ज्यादातर पश्चिम गोदावरी और कोनसीमा जिलों के कई गांवों के जलमग्न होने का खतरा है. गोदावरी नदी राजामहेंद्रवरम के पास दोवालेस्वरम में सर आर्थर कॉटन बैराज में 17 लाख क्यूसेक के खतरे के तीसरे स्तर के करीब बह रही है और आज रात बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. पड़ोसी तेलंगाना के भद्राचलम में 18 लाख क्यूसेक से अधिक बाढ़ का पानी छोड़ा गया है, जो कॉटन बैराज तक पहुंचा.

मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी बाढ़ से हुई तबाही का आकलन करने के लिए शुक्रवार दोपहर हवाई सर्वेक्षण करेंगे. महाराष्ट्र और तेलंगाना के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश और इसके परिणामस्वरूप बाढ़ के स्तर में वृद्धि को देखते हुए, अधिकारियों ने अगले दो दिनों में 24 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने का अनुमान लगाया है. गोदावरी में 1986 की बाढ़ के बाद यह सबसे भयंकर बाढ़ होगी.

एक जिला अधिकारी ने बताया कि अभी उपलब्ध जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम तक बाढ़ के पानी का प्रवाह 20 लाख क्यूसेक स्तर को छू सकता है तथा अगले दिन इसमें और वृद्धि हो सकती है. हमें 28 लाख क्यूसेक तक की बाढ़ से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि हमने सुरक्षात्मक उपाय करना शुरू कर दिया है. हमने कम से कम 36 गांवों की भी पहचान की है जिन्हें बाढ़ जारी रहने पर पूरी तरह से खाली करने की जरूरत है. विशेष मुख्य सचिव जी. साई प्रसाद यहां राज्य आपात संचालन केंद्र से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.

इस बीच भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि गोदावरी नदी की भारी बाढ़ के कारण बचाव और राहत कार्यों के लिए एलुरु जिला प्रशासन से प्राप्त अनुरोध के जवाब में, भारतीय नौसेना ने वेलैरपाडु मंडल में कोइदा (7 बस्तियों) और कटकुर (9 बस्तियों) के पानी से घिरे क्षेत्रों में मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए 14 जुलाई को विशाखापत्तनम में आईएनएस देगा से दो यूएच3एच हेलीकॉप्टर भेजे. इसमें कहा गया है कि हेलीकॉप्टर से आवश्यक खाद्य सामग्री, दवाएं, दूध, ब्रेड आदि ग्रामीणों तक पहुंचाए गए.

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