नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत का फिलहाल चीन के साथ ज्यादा सहयोग नहीं है और जहां तक ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra river), जिसे चीन में यलुजांगबू कहा जाता है, की हाइड्रोलॉजिकल जानकारी (hydrological information) साझा करने का सवाल है, इसे पेमेंट के आधार पर साझा किया जा रहा है.
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (department of water resources, river development and Ganga rejuvenation) के अधिकारियों ने कहा, 'चीन एक ऐसा देश है, जिसके साथ फिलहाल हमारा ज्यादा सहयोग नहीं है, लेकिन वह भुगतान के आधार पर कम से कम यह डेटा साझा कर रहा है.'
उन्होंने कहा कि हम नेपाल से भी डेटा लेते हैं, लेकिन नेपाल हमसे कुछ भी चार्ज नहीं कर रहा है, लेकिन चीन हमें इस डेटा की आपूर्ति के लिए चार्ज कर रहा है. ब्रह्मपुत्र में हमें बाढ़ के मौसम के दौरान तीन स्टेशनों का डेटा मिलता है, यानी 15 मई से 15 अक्टूबर तक, हमें जल स्तर, प्रवाह और वर्षा पर डेटा मिलता है.
चीन के साथ समझौता ज्ञापन ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदी (Brahmaputra and Sutlej river) से संबंधित है. जल संसाधन पर संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary standing committee on water resources) की ताजा रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि समझौते पांच-पांच साल के होते हैं और उनका लगातार नवीनीकरण किया जा रहा है.
ब्रह्मपुत्र बेसिन में बाढ़ (Floods in Brahmaputra basin) अक्सर तबाही मचाती है और वर्ष 2000 में एक बड़ी बाढ़ ने कई लोगों की जान, बुनियादी ढांचे और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पूर्व चेतावनी प्रणालियों के लिए सीमा पार सहयोग की आवश्यकता थी.
तदनुसार, भारत और चीन के बीच जनवरी 2002 में एक समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें चीन द्वारा बाढ़ के मौसम में ब्रह्मपुत्र नदी की जल विज्ञान संबंधी जानकारी को भारत में ब्रह्मपुत्र नदी पर स्थित तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (Tibet Autonomous Region) में तीन स्टेशनों नुगेशा, यांगकुन और नुक्सिया के लिए साझा किया गया था.
समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश, असम और आगे के निचले इलाकों में बाढ़ नियंत्रण और आपदा न्यूनीकरण (control and disaster mitigation) है.
वहीं, हाइड्रोलॉजिकल डेटा में जल स्तर, वर्षा और निर्वहन शामिल हैं. समझौता ज्ञापन जून 2008, को मई 2013 और जून 2018 में पांच वर्षों के लिए नवीनीकृत किया गया था.