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क्या बॉम्बे हाई में प्री-मानसून गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया ? - sanjib kumar barua

हर साल बॉम्बे हाई में ओएनजीसी अपतटीय डिवीजन अरब सागर में प्री-मानसून पानी से बचने के लिए अपने जहाजों को 10-15 मई से पहले वापस बुला लेता है, लेकिन इस साल क्या हुआ, पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

ओएनजीसी
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Published : May 20, 2021, 10:32 PM IST

नई दिल्ली : अरब सागर के तेल और गैस समृद्ध बॉम्बे हाई क्षेत्र में मॉनसून के प्रकोप से पहले ही, तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) का अपतटीय डिवीजन अपने सभी समुद्री जहाजों और प्रतिष्ठानों और इसके ठेकेदारों को किनारे और बंदरगाहों के पास वापस जाने या फिर या समुद्र में अंतिम स्थिति में खुदाई करने के लिए गाइडलाइंस जारी करता है.

डिवीजन का नेतृत्व करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि मॉनसून बॉम्बे हाई क्षेत्र में जून-जुलाई से शुरू होता है, लेकिन 10-15 मई के बाद से समुद्र में उथल-पुथस शुरू हो जाती है और अन्य सामानों को स्थानांतरित करना मुश्किल हो जाता है.

इसलिए आम तौर पर अपतटीय कामकाजी मौसम हर साल 10-15 मई तक बंद हो जाता है. ऐसे में सभी पोजिशनिंग को इस अवधि से पहले पूरा करना होता है. यहां लगभग सितंबर तक यथास्थिति बनी रहती है.

अधिकारी ने कहा कि ओएनजीसी ने निश्चित रूप से तूफान के अनुमानित पथ पर तौकते चक्रवात के बारे में निजी ठेकेदारों को चेतावनी दी होगी, यह निजी कंपनियों पर निर्भर है कि वे ओएनजीसी के अपतटीय काम को पूरा करने के लिए कॉल करें कि वहां रहना है या नहीं और काम करना या छोड़ना है.

पिछले कुछ दिनों में मुंबई तट से दूर बार्ज से 600 से अधिक लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए, जो सोमवार को मुंबई से 35 मील की दूरी पर डूब गया. लापता सदस्यों का पता लगाने के लिए खोज एवं बचाव अभियान जारी हैं.

गुरुवार शाम तक जहां 188 लोगों को बचाया जा चुका है, वहीं राहत और बचाव ऑपरेशन में 49 शव बरामद किए गए हैं.

अपतटीय कार्य के लिए ओएनजीसी टेंडर

निजी कंपनियों ने ओएनजीसी द्वारा जारी टेंडर के लिए बोली लगाई, जिसमें विशेष रूप से रिगों पर किए जाने वाले आवश्यक कार्य को दर्शाया गया है. निजी कंपनियों को उन बार्जों के बारे में जानकारी का पालन करना होता है, जिन्हें काम पर लगाया जाता है, क्योंकि ओएनजीसी के पास कोई बार्ज नहीं है.

बार्ज पर श्रमिकों के ठहरने की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होती है. ओएनजीसी का अधिदेश नौकाओं के प्रमाणीकरण और कामगारों की योग्यता के सत्यापन तक सीमित है.

दैनिक आधार पर मौसम की निगरानी करना भी निजी ठेकेदार की जिम्मेदारी है और मौसम की चेतावनी मिलने के बाद क्या करना है, यह तय करना बार्ज कप्तान या कंपनी के मालिक पर निर्भर है.

यदि उन्हें लगता है कि यह सुरक्षित है तो वे वहीं रहेंगे और यदि उन्हें लगता है कि यह सुरक्षित नहीं हैं, तो वे ओएनजीसी को सूचित करेंगे कि वे तट पर जा रहे हैं.

चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया गया

ओएनजीसी और विस्तार से आवास बार्ज पी -305 संचालित करने वाली निजी कंपनी को न केवल भारतीय तटरक्षक बलों द्वारा बल्कि भारतीय पंजीकृत जहाजों और भारतीय बंदरगाहों पर जहाजों के लिए जहाजरानी महानिदेशालय (डीजीएस) द्वारा भी चेतावनी दी गई थी, जो जीवन, स्वास्थ्य, पोत और पर्यावरण के लिए जिम्मेदार है.

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डीजीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने तूफान से काफी पहले ओएनजीसी को 'तौकते' पर एडवाइजरी जारी की थी. जहाजों को वापस क्यों नहीं बुलाया गया यह एक रहस्य है.

शायद यह ओएनजीसी और निजी ठेकेदारों की ओर से अति आत्मविश्वास था, जिन्होंने इसे बहुत हल्के में लिया. उन्हें ऐसे उच्च ज्वार की उम्मीद नहीं थी जो 5-7 मीटर तक बढ़ गया.

उच्च स्तरीय समिति

आधिकारिक चेतावनियों के बावजूद चक्रवात में कितने ओएनजीसी जहाज फंसे रह गए, इस पर गौर करने के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय उच्च समिति का गठन किया है. समिति में शिपिंग के महानिदेशक अमिताभ कुमार, हाइड्रोकार्बन के महानिदेशक एससीएल दास और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव नाजली जाफरी शायिन शामिल हैं और उन्हें एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी.

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