नई दिल्ली : अरब सागर के तेल और गैस समृद्ध बॉम्बे हाई क्षेत्र में मॉनसून के प्रकोप से पहले ही, तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) का अपतटीय डिवीजन अपने सभी समुद्री जहाजों और प्रतिष्ठानों और इसके ठेकेदारों को किनारे और बंदरगाहों के पास वापस जाने या फिर या समुद्र में अंतिम स्थिति में खुदाई करने के लिए गाइडलाइंस जारी करता है.
डिवीजन का नेतृत्व करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि मॉनसून बॉम्बे हाई क्षेत्र में जून-जुलाई से शुरू होता है, लेकिन 10-15 मई के बाद से समुद्र में उथल-पुथस शुरू हो जाती है और अन्य सामानों को स्थानांतरित करना मुश्किल हो जाता है.
इसलिए आम तौर पर अपतटीय कामकाजी मौसम हर साल 10-15 मई तक बंद हो जाता है. ऐसे में सभी पोजिशनिंग को इस अवधि से पहले पूरा करना होता है. यहां लगभग सितंबर तक यथास्थिति बनी रहती है.
अधिकारी ने कहा कि ओएनजीसी ने निश्चित रूप से तूफान के अनुमानित पथ पर तौकते चक्रवात के बारे में निजी ठेकेदारों को चेतावनी दी होगी, यह निजी कंपनियों पर निर्भर है कि वे ओएनजीसी के अपतटीय काम को पूरा करने के लिए कॉल करें कि वहां रहना है या नहीं और काम करना या छोड़ना है.
पिछले कुछ दिनों में मुंबई तट से दूर बार्ज से 600 से अधिक लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए, जो सोमवार को मुंबई से 35 मील की दूरी पर डूब गया. लापता सदस्यों का पता लगाने के लिए खोज एवं बचाव अभियान जारी हैं.
गुरुवार शाम तक जहां 188 लोगों को बचाया जा चुका है, वहीं राहत और बचाव ऑपरेशन में 49 शव बरामद किए गए हैं.
अपतटीय कार्य के लिए ओएनजीसी टेंडर
निजी कंपनियों ने ओएनजीसी द्वारा जारी टेंडर के लिए बोली लगाई, जिसमें विशेष रूप से रिगों पर किए जाने वाले आवश्यक कार्य को दर्शाया गया है. निजी कंपनियों को उन बार्जों के बारे में जानकारी का पालन करना होता है, जिन्हें काम पर लगाया जाता है, क्योंकि ओएनजीसी के पास कोई बार्ज नहीं है.
बार्ज पर श्रमिकों के ठहरने की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होती है. ओएनजीसी का अधिदेश नौकाओं के प्रमाणीकरण और कामगारों की योग्यता के सत्यापन तक सीमित है.