वाराणसीः यूपी में प्रचंड गर्मी का कहर जारी है. गर्मी में मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ जाने से काशी के घाटों पर दाह संस्कार के लिए शवों की कतारें लग रहीं हैं. आलम यह है कि लोगों को शवों के दाह संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इससे पहले ऐसा नजारा कोरोना काल में देखने को मिला था जब शवों के दाह संस्कार के लिए घाटों पर ऐसी ही शवों की कतारें नजर आईं थीं.
तप रहे यूपी के कई जिले
यूपी के ज्यादातर में जिलों में पारा 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. झांसी में बीते दिनों तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. वहीं, बीती 16 जून को प्रदेश के प्रयागराज जिले में सबसे अधिक 44℃ तापमान रहा था. इसके अलावा बीते शनिवार को कुशीनगर का तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस था जो कि प्रदेश में सर्वाधिक था. इसके अलावा बांदा, चित्रकूट समेत कई जिले इस वक्त भीषण गर्मी से तप रहे हैं. गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्वांचल के जिले हैं. इनमें बलिया सबसे आगे हैं. बलिया में बीते तीन दिनों में 54 मौतें हो चुकीं हैं. आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कई मौतें हीट वेव की वजह से हुईं हैं. इसकी जांच के लिए प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, कौशांबी, आजमगढ़ और संतकबीरनगर के लिए मौसम विभाग ने हीटवेव अलर्ट जारी कर दिया है. इनमें से कई जिलों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है. गर्मी बढ़ने से हीट वेव से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी काफी बढ़ गया है.
वाराणसी के घाटों पर शवों की कतार
हीट वेव से मौतौं का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है. शायद यही वजह है कि घाटों पर लोगों को शवों का दाह संस्कार के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है. जानकारों का कहना है कि ऐसा नजारा 1995 या फिर कोरोना काल में देखा गया था. मोक्षनगरी होने के कारण यहां आसपास के जिलों से लोग शव दाह के लिए आते हैं. मणिकर्णिका घाट हो या फिर महा शमशान हरिश्चंद्र घाट, यहां सभी जगह भारी भीड़ नजर आ रही है. घाटों पर शवों की कतारें लगी हुईं हैं. घाटों पर शवदाह का बोझ लगभग दोगुना हो गया है.