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Korba: जहरीले कोबरा का सूखा गला, फिर कतार में लगकर बोतल से पानी पिया - जहरीले कोबरा का सूखा गला

Viral video of cobra जहरीले सांप कोबरा का नाम सुनते ही जान गले तक आ जाती है. लेकिन प्यास तो इन्हें भी लगती है. कोरबा में एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसमें स्नेक रेस्क्यू टीम के लीडर जितेंद्र सारथी ने कोबरा को बोतल से पानी पिलाया. इस दौरान एक दुर्लभ नजारा देखने को मिला. दोनों कोबरा कतार में लगकर बारी बारी से पानी पीते दिखे. इस दृष्य को वहीं मौजूद लोगों ने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जो अब वायरल हो गया है.

cobra snake drinking water while queuing up
जहरीले कोबरा का सूखा गला

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Published : Mar 28, 2023, 8:03 PM IST

कोबरा को बोतल से पानी पिलाया

कोरबा: छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला प्रदेश का इकलौता ऐसा स्थान है, जहां दुनिया के सबसे जहरीले सांप कोबरा पाए जाते हैं. पिछले दो-तीन सालों में कोरबा के अलग-अलग क्षेत्रों में कोबरा सांप देखे जा रहे हैं. इनकी तादाद भी साल दर साल बढ़ती जा रही है. कई बार यो कोबरा आबादी वाले इलाकों में भी आ जाते हैं, जिन्हें पकड़कर वापस जंगलों में छोड़ दिया जाता है.

कोबरा के पानी पीने का वीडियो हो रहा वायरल: रेस्क्यू टीम लीडर जितेन्द्र सारथी ने बताया कि "2 कोबरा, जिन्हें कोरबा से ही रेस्क्यू किया गया था, उसे रेस्क्यू टीम जंगल में आजाद करने गई थी. जब दोनों कोबरा को जंगल में छोड़ने के लिए डिब्बे से बाहर निकाला गया, तो गर्मी ज्यादा होने की वजह से दोनों निकलते ही गुस्से से फुंफकारने लगे. टीम के सदस्य समझ गए कि वह प्यास से व्याकुल हैं. फिर दोनों कोबरा को बोतल से पानी पिलाया गया."

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एक एक कर दोनों किंग कोबरा ने पिया पानी: जितेन्द्र सारथी ने बताया कि "दोनों ही कोबरा ने बड़े आराम से एक तरह से कतार में लगकर पानी पिया. बोतल से मैंने कोबरा को पानी पिलाया. दोनों कोबरा ने पानी पिया और उसके बाद वह जंगल की ओर लौट गए."


जंगल में आग बुझाने की भी है जरूरत:जानकारों की मानें तो गर्मी के मौसम में जंगल में आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. ज्यादातर आग अपने आप नहीं लगती. जीव जंतु इस गर्मी से व्याकुल हो जाते हैं. कई जो आग में जलकर मर जाते हैं. इसलिए जंगल की आग को बुझाया जाना भी बेहद जरूरी है. कई बार वह प्यास से व्याकुल होकर भी यहां वहां भटकते हैं. जंगल में पानी के स्रोत भी सूख रहे हैं. इस संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार और जागरूकता का अभाव भी देखा गया है, जिसके कारण जंगल में आगजनी की घटनाएं होती रहती हैं.

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