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छत्तीसगढ़ : बीजापुर में पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस कैंप के विरोध (Villagers protest against police camp in Bijapur) में ग्रामीण पिछले पांच महीने से धरना दे रहे हैं. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन और पुलिस पर मनमानी करने का आरोप लगाया है.

Villagers movement against police camp in Bijapur
बीजापुर में पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन

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Published : Mar 24, 2022, 7:52 PM IST

बीजापुर:छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र बेचापाल में लंबे समय से ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि 'बिना ग्राम सभा के इलाके में पुलिस कैंप खोल दिया गया है. पक्की सड़क बनाई जा रही है. नक्सल मामले में हमेशा ग्रामीणों को परेशान किया जाता है'. अंदरूनी इलाके के ग्रामीणों ने पुलिस जवानों पर ये भी आरोप लगाया कि 'गांव के बच्चों को नक्सलियों का मुखबिर बताकर करंट लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है'.

बीजापुर में पुलिस कैंप का विरोध: ग्रामीणों ने जवानों पर आरोप लगाने के साथ ही क्षेत्र के विधायक विक्रम शाह मंडावी पर भी वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही है. क्षेत्रीय विधायक विक्रम शाह मंडावी बीते दिनों यहां पहुंचे थे. पंद्रह दिनों में उन्होंने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक हमारी समस्या जस की तस है. यदि मांगे पूरी नहीं की गई है तो हम एक बड़ा आंदोलन करेंगे'.

गली सड़क चाहिए, बड़ी सड़क नहीं: ग्रामीणों का कहना है कि 'मिरतुर में जो सड़क निर्माण का काम किया जा रहा है. इससे इलाके के ग्रामीणों का कोई भला नहीं होगा़. सरकार अपने फायदे के लिए सड़क बना रही है. भविष्य में बैलाडीला पहाड़ में डिपॉजिट नंबर 13 की खदान से लोहा ले जाया जाएगा. पहाड़ को खोद कर प्रकृति को नुकसान पहुंचाया जाएगा. सरकार की मंशा को हम पूरी नहीं करने देंगे. हमारी मांग है की गली सड़क चाहिए, बड़ी सड़क नहीं. ग्राम सभा किए बिना ही इलाके में सड़कों का निर्माण लगातार जारी है'.

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नक्सलियों के दबाव में ग्रामीण लगा रहे आरोप:ग्रामीणों के आरोपों पर ETV भारत ने प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन सभी अधिकारियों का मोबाइल नंबर नेटवर्क से बाहर बताया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि 'जवानों ने किसी भी तरह से बच्चों को प्रताड़ित नहीं किया है. ग्रामीण नक्सलियों के बहकावे और दबाव में आकर उनपर बेवजह आरोप लगा रहे हैं'.

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