लोहरदगा: झारखंड में अबुआ राज में एक आदिवासी महिला के साथ दर्दनाक घटना ने कई सवालों को जन्म दे दिया है. लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र में 4 अक्टूबर को आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. आरोपियों ने महिला के साथ सिर्फ दुष्कर्म की घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि अमानवीय कृत्य भी की गई है (Lohardaga rape case victim has been brutalized). इससे पीड़ित महिला जीवन मौत से जूझ रही है. वहीं, आदिवासी विधवा महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आईआरबी के दोनों जवानों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
यह भी पढ़ेंःखेत में घास काट रही महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, दो जवानों पर आरोप
डीजीपी ने डीआईजी से मांगी रिपोर्ट:दूसरी तरफ लोहरदगा गैंग रेप मामले को लेकर डीजीपी ने रांची रेंज डीआईजी अनीस गुप्ता से रिपोर्ट मांगी है. मिली जानकारी के अनुसार डीआईजी अनीश गुप्ता ने खुद मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी को पूरे मामले की ब्रीफिंग की है. डीआईजी ने डीजीपी को पूरे घटना की जानकारी दी है साथ में जाकर बताया है कि आरोपियों पर क्या कार्रवाई की जा रही है.
डीआईजी के एक्टिव होने पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में एसपी आर राम कुमार का कहना है कि आईआरबी के दोनों गिरफ्तार जवानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस आगे की कार्रवाई जारी रखेगी. वहीं, मामले में रांची रेंज के डीआईजी अनीश गुप्ता ने कहा कि गिरफ्तार जनावों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी होगी. दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
महिला की हालत नाजुक: पुलिस ने महिला को लोहरदगा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था, लेकिन सदर अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद रांची रिम्स रेफर कर दिया गया है. रिम्स के डॉक्टरों ने जब महिला को देखा तो बताया कि विधवा महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले पुलिस के जवानों ने क्रूरता की सारी सीमाओं को पार कर दिया है. पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया फिर अप्राकृतिक यौनाचार भी किया गया. यही नहीं महिला के प्राइवेट पार्ट पर धारदार हथियार से हमला किया गया है. जिससे महिला के इंटरनल ऑर्गन में गंभीर चोटें लगी हैं. इससे महिला के ब्लीडिंग रुक नहीं रही है. फिलहाल पीड़ित महिला का इलाज रिम्स में डॉ. शीतल मलवा की निगरानी में चल रहा है. डॉक्टर शीतल मलवा ने बताया कि पीड़ित महिला की स्थिति चिंताजनक है. जब तक महिला की स्थिति स्थिर नहीं होती है, तब तक कुछ भी कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा है कि पीड़ित महिला की स्थिति में कुछ सुधार होने के बाद एक ऑपरेशन करना पड़ेगा.