जयपुर. राजस्थान विधानसभा में विधायकों की प्रबोधन कार्यशाला के दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन के समक्ष अपना संबोधन रखा. इस दौरान धनखड़ ने पक्ष-विपक्ष के विधायकों को नसीहत देकर दायित्वों से रूबरू करवाया. उपराष्ट्रपति ने अपने वक्तव्य की शुरुआत में सदन से अपनी राजनीतिक शुरुआत का जिक्र किया और अजमेर में मौजूदा स्पीकर वासुदेव देवनानी के साथ सियासी तकरार वाले रिश्तों का जिक्र करते हुए संबंधों की मर्यादा बताई.
उन्होंने कहा कि मर्यादा में रहकर कटाक्ष और विरोध करना कोई देवनानी से सीखे. उन्होंने सीएम भजनलाल शर्मा को लेकर कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य जिस तरीके से मिला है, उससे यह इशारा मिलता है कि भारत बदल गया है, अब सब कुछ मुमकिन है. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने साथ ही मुख्यमंत्री शर्मा के लिए कम वक्त में हासिल लोकप्रियता को आगे बढ़ाने और कायम रख पाने की चुनौती भी बताई.
भारत प्रजातंत्र की दृष्टि से आदर्शवादी :उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विधानसभा में प्रबोधन कार्यक्रम के उद्घाटन पर कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत डेमोक्रेसी है. उन्होंने देश के लोकतंत्र को सबसे पुराना और प्रभावी बताया. उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में प्रजातंत्र के साथ-साथ देश की मजबूती के लिए कार्यपालिका को भी भागीदार बताया . उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की ब्यूरोक्रेसी में पहुंचने वाले अफसर दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षा पास कर इस मुकाम को हासिल करते हैं. जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं 1989 में लोकसभा का सदस्य बना और केंद्र में मंत्री रहा, उस वक्त को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सोने को गिरवी भी रखना पड़ा था. आज भारत दुनिया की 5वीं आर्थिक महाशक्ति बन चुका है. हमने कनाडा और फ्रांस को पीछे छोड़ा, आने वाले समय में भारत जापान को पीछे छोड़ देगा.
धनखड़ ने कहा कि जिस रफ्तार से देश आगे बढ़ रहा है, दुनिया भी हैरान है. यह नेतृत्व और नीति बनाने वाले के लिए अहम है. अपनी नसीहत में धनखड़ ने कहा कि हम विकास को राजनीतिक चश्मे से नहीं देख सकते हैं, साथ ही राज्यसभा के सभापति के नाते अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी सदन में सदस्य का निलंबन करना सबसे बड़ी पीड़ा होती है. उप राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों से आग्रह करते हुए कहा कि आसन पर संदेह करना कभी ठीक नहीं रहेगा और हल्की फुल्की बातों को दिल पर नहीं लेना चाहिए, ऐसा होने पर ही सदस्य अपनी प्रतिभा को दिखा पाएंगे.
विपक्ष की गैरमौजूदगी पर जताई हैरत :प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान विपक्ष के सदस्यों की कम संख्या को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हैरान जताया. प्रतिपक्ष के दायित्वों का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि सरकार को आईना दिखाया जाएगा , तो यह बहुत लाभकारी होगा. सबसे पहले तो यह विधायकों को ध्यान रखना चाहिए कि विधानसभा की कार्यवाही कैसे होती है. उन्होंने कहा कि सरकार को चलाना और सत्ता पक्ष को राह दिखाना, पक्ष और विपक्ष दोनों का काम है. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर चिंता और चिंतन का है.