नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के निजी स्टाफ के आठ अधिकारियों को संसद की 12 स्थायी समितियों और आठ विभाग-संबंधित स्थायी समितियों में अटैच किया गया है. यानी धनखड़ के 8 निजी अफसरों को 20 संसदीय समितियों में नियुक्त किया गया है.विपक्ष ने आलोचना की है साथ ही विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है.
उप राष्ट्रपति के स्टाफ से समितियों से जुड़े अधिकारी विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) राजेश एन नाइक, निजी सचिव (पीएस) सुजीत कुमार, अतिरिक्त निजी सचिव संजय वर्मा और ओएसडी अभ्युदय सिंह शेखावत हैं. वहीं, राज्यसभा के सभापति कार्यालय से नियुक्त किए गए उनके ओएसडी अखिल चौधरी, दिनेश डी, कौस्तुभ सुधाकर भालेकर और पीएस अदिति चौधरी हैं.
मंगलवार को जारी एक आदेश में, राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि अधिकारियों को 'तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक' समितियों से जोड़ा गया है. वहीं, इसे लेकर राज्यसभा के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सवाल उठाया है. राज्यसभा के पूर्व सांसद और सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि यह 'स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन' है.
24 स्थायी समितियां हैं :कुल 24 स्थायी समितियां हैं, जिनमें 21 लोकसभा सांसद और 10 राज्यसभा सांसद हैं. 24 में से 16 स्थायी समितियां लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में काम करती हैं, और आठ राज्यसभा सभापति के अधिकार क्षेत्र में आती हैं. अधिकांश बिल, सदन में पेश किए जाने के बाद इन समितियों को विस्तृत जांच के लिए भेजे जाते हैं. सांसदों की मांगों के आधार पर स्पीकर और अध्यक्ष ऐसा करने के लिए अधिकृत हैं.