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Dhankhar personal staff in Standing Committees : स्थायी समितियों में निजी अफसरों की नियुक्ति पर उठे सवाल, जानिए क्या है नियुक्ति का नियम

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Dhankhar personal staff attached) के उच्च सदन सचिवालय के दायरे में आने वाली 20 समितियों में अपने निजी स्टाफ के बारह सदस्यों को नियुक्त करने के बाद विवाद खड़ा हो गया. धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी हैं.

Vice President dhankhar
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

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Published : Mar 9, 2023, 3:31 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 5:05 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के निजी स्टाफ के आठ अधिकारियों को संसद की 12 स्थायी समितियों और आठ विभाग-संबंधित स्थायी समितियों में अटैच किया गया है. यानी धनखड़ के 8 निजी अफसरों को 20 संसदीय समितियों में नियुक्त किया गया है.विपक्ष ने आलोचना की है साथ ही विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है.

उप राष्ट्रपति के स्टाफ से समितियों से जुड़े अधिकारी विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) राजेश एन नाइक, निजी सचिव (पीएस) सुजीत कुमार, अतिरिक्त निजी सचिव संजय वर्मा और ओएसडी अभ्युदय सिंह शेखावत हैं. वहीं, राज्यसभा के सभापति कार्यालय से नियुक्त किए गए उनके ओएसडी अखिल चौधरी, दिनेश डी, कौस्तुभ सुधाकर भालेकर और पीएस अदिति चौधरी हैं.

मंगलवार को जारी एक आदेश में, राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि अधिकारियों को 'तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक' समितियों से जोड़ा गया है. वहीं, इसे लेकर राज्यसभा के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सवाल उठाया है. राज्यसभा के पूर्व सांसद और सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि यह 'स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन' है.

24 स्थायी समितियां हैं :कुल 24 स्थायी समितियां हैं, जिनमें 21 लोकसभा सांसद और 10 राज्यसभा सांसद हैं. 24 में से 16 स्थायी समितियां लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में काम करती हैं, और आठ राज्यसभा सभापति के अधिकार क्षेत्र में आती हैं. अधिकांश बिल, सदन में पेश किए जाने के बाद इन समितियों को विस्तृत जांच के लिए भेजे जाते हैं. सांसदों की मांगों के आधार पर स्पीकर और अध्यक्ष ऐसा करने के लिए अधिकृत हैं.

समितियां डोमेन विशेषज्ञों के परामर्श से जांच कार्य करती हैं. बड़े पैमाने पर लोगों से लिखित अभ्यावेदन भी आमंत्रित किए जाते हैं. संबंधित मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को भी समितियों के समक्ष प्रस्तुतियां देने के लिए कहा जाता है.

नियुक्ति का अधिकार किसके पास :राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के पास स्थायी समितियों में नियुक्ति का अधिकार होता है. आमतौर पर ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल का अफसर संसदीय समितियों का काम देखता है और सीधे राज्यसभा के महासचिव को रिपोर्ट करता है. संसदीय समिति के अध्यक्ष की जवाबदेही संसद के प्रति है.

संसदीय समितियों में सदस्यों की तैनाती राज्यसभा का सभापति करता है. इनमें कुछ ऐसी समितियां हैं जैसे विशेषाधिकार, याचिक समिति जिनमें ऐसे आधिकारियों की तैनाती की जाती है, जो ऐसे मामलों के जानकार होते हैं.

जानकारों का कहना है कि आश्वासन समिति सरकार के कामकाज पर निगरानी रखती है. सरकार सदन में जो आश्वासन देती है वह पूरे किए गए हैं या नहीं, ये समिति ऐसे मामले देखती है. इसी तरह से अन्य समितियां हैं जो बिल संबंधी गड़बड़ियों पर नजर रखती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि उपराष्ट्रपति के जुड़े कामकाज के लिए निजी स्टॉफ तैनात किया जाता है. इन तैनाती को लेकर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अब निजी स्टॉफ से नियुक्त अधिकारी इन कमेटियों की निगरानी करेंगे. अभी तक सचिवालय के अधिकारी ही इन कमेटियों में होते थे.

पढ़ें- Disorderly Conduct Of 12 Opposition MPs : राज्यसभा सभापति ने समिति से 12 विपक्षी सदस्यों के आचरण की जांच करने को कहा

Last Updated : Mar 9, 2023, 5:05 PM IST

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