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ISIS के कलाम का अफगानिस्तान में बैठे आकाओं से था संपर्क, बम बनाने की ले रहा था ट्रेनिंग - वाराणसी का आईएसआईएस से कनेक्शन

वाराणसी में आईएसआईएस के कनेक्शन का बड़ा खुलासा हुआ. बुधवार को एनआईए की टीम ने छापेमारी के दौरान वाराणसी से एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया.

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उत्तर प्रदेश में आईएसआईएस के कनेक्शन का बड़ा खुलासा

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Published : Oct 20, 2022, 10:28 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में आईएसआईएस के कनेक्शन का बड़ा खुलासा हुआ है. बुधवार को एनआईए की टीम ने बड़े ही गुप्त तरीके से छापेमारी के दौरान वाराणसी से एनआईए के एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया. वाराणसी के आदमपुर क्षेत्र के रहने वाले इस युवक के बारे में अभी एनआईए और जानकारी हासिल कर रही है. लेकिन, वाराणसी में विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि आईएसआईएस से जुड़े इस युवक ने कम उम्र में ही बनारस से पूरे पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश के युवाओं को अपने संगठन से जोड़कर देश विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की प्लानिंग तैयार की थी.

एनआईए ने आज 2 स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान एनआईए ने वाराणसी से आईएसआईएस 'वॉयस ऑफ हिंद' मॉड्यूल मामले में एक अत्यधिक कट्टरपंथी ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया. एनआईए ने वाराणसी से कलाम सिद्दीकी को पकड़ा है. इंटेलिजेंस के सूत्रों की मानें तो कलाम की गिरफ्तारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन द्वारा साजिश से संबंधित है, जो भारत में प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए भारतीय राज्य के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने के लिए आतंकवादी हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्लानिंग कर युवाओं की भर्ती कराने का काम कर रहा था.

एनआईए ने आईपीसी की धारा 124ए, 153ए, 153बी और यूए (पी) अधिनियम 1967 की धारा 17, 18, 18बी, 38, 39 और 40 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच के दौरान यह सामने आया कि वाराणसी का निवासी बासित कलाम सिद्दीकी भारत से आईएसआईएस की ओर से कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती और भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल था. एनआईए द्वारा 'वॉयस ऑफ हिंद' मॉड्यूल को ट्रेस करने और आईएसजेके के तथाकथित आमिर उमर निसार उर्फ ​​कासिम खुरासानी समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रणनीति के तहत एक नई ऑनलाइन पत्रिका के जरिए ऑनलाइन प्रचार को बढ़ावा दिया जा रहा था.

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बासित कलाम आईएसआईएस के संचालकों के साथ संपर्क में था और 'वॉयस ऑफ खुरासन' पत्रिका के माध्यम से आईएसआईएस की प्रचार सामग्री के निर्माण, प्रकाशन और प्रसार में जुटा हुआ था. अफगानिस्तान में स्थित अपने आईएसआईएस आकाओं के निर्देश पर वह एक विस्फोटक 'ब्लैक पाउडर' बनाने की कोशिश कर रहा था और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (आईईडी) के निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाले अन्य घातक रासायनिक पदार्थों के उपयोग के बारे में ज्ञान प्राप्त कर रहा था. वह अपने द्वारा संचालित कई टेलीग्राम समूहों के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी के खिलाफ आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए विस्फोटक बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहा था. वह सक्रिय आईएसआईएस आतंकवादियों के साथ युद्ध में शामिल होने के लिए खुरासान को 'हिजरत' करने की भी तैयारी कर रहा था.

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तलाशी के दौरान एनआईए ने आईईडी और विस्फोटक पदार्थों के निर्माण से संबंधित हस्तलिखित नोट, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन-ड्राइव आदि जैसे आपत्तिजनक लेख जब्त किए हैं. एनआईए ने इससे पहले छह आरोपियों के खिलाफ इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत, दिल्ली में एक मुख्य और एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था. मामले में आगे की जांच जारी है.

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