दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड की सियासत में फिर हो सकता है बड़ा उलटफेर, नए सीएम पर सुगबुगाहट तेज

प्रदेश की राजनीति में चल रहा सियासी घटनाक्रम बेहद ही दिलचस्प हो गया है. ईटीवी भारत को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में फिर से नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. आने वाले दो दिन तीरथ सिंह रावत के साथ ही प्रदेश के लिए बेहद ही खास होने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक देर रात जेपी नड्डा और अमित शाह से मिलने के बाद सीएम तीरथ रावत को दिल्ली में ही रुकने को कहा गया है. उन्हें उत्तराखंड वापस जाना था. सूत्रों से मुताबिक़ मंत्री सतपाल महाराज और धन सिंह रावत भी दिल्ली बुलाये गये.

uttarakhand state, leadership change
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत

By

Published : Jul 1, 2021, 10:12 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 6:22 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन(leadership change) की सुगबुगाहट जोरों-शोरों से चल रही है. वर्तमान स्थितियों की बात करें तो मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत(Tirath Singh Rawat)के अचानक दिल्ली दौरे के बाद से ही चर्चाओं का बाजार काफी गर्म हो गया है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी कुछ दिनों के भीतर उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है. ईटीवी भारत को विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा आलाकमान उत्तराखंड में एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन का मन बना चुकी है. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अबकी बार राज्य की कमान किसके हाथ में सौंपी जाएगी.

बीते 5 मई को भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव कराने से मना कर दिया था. चुनाव आयोग ने कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों का हवाला दिया था. जिसके बाद से ही चर्चाओं का बाजार इसलिए गर्म था. क्योंकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 6 महीने के भीतर यानी 9 सितंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना था, जो वो बिना चुनाव लड़े नहीं बन सकते हैं. ऐसे में मुख्य रूप से एकमात्र विकल्प नेतृत्व परिवर्तन का ही बचता है.

पढ़ें-तीरथ का दिल्ली दौरा: रात 12 बजे तक गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक, जेपी नड्डा समेत कई नेता रहे मौजूद

उपचुनाव न होने की वजह से नेतृत्व परिवर्तन ही है एक विकल्प

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और वे लोकसभा सांसद भी हैं. ऐसे में तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी. यानी, उन्हें किसी भी विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतना होगा.

मगर निर्वाचन आयोग ने यह भी तय किया है कि अगर किसी भी राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल या फिर उससे कम समय बचता है तो वहां उपचुनाव नहीं कराया जा सकता. ऐसे में अगर प्रदेश में खाली सीटों पर गौर करें तो गंगोत्री, हल्द्वानी विधानसभा सीट फिलहाल खाली है. मगर इन सीटों पर उपचुनाव मुश्किल लग रहा है. जिसके कारण बीजेपी हाईकमान के पास नेतृत्व परिवर्तन का ही एकमात्र विकल्प बचता है.

पढ़ें-मुख्यमंत्री के दिल्ली तलब होने पर कांग्रेस का तंज, कहा- त्रिवेंद्र जैसा न हो हाल

सल्ट उपचुनाव लड़ते तो नहीं आती ये नौबत

आयोग के नियमानुसार देखें तो मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास उपचुनाव लड़ने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है. हालांकि अगर वह सल्ट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ लेते तो शायद आज यह नौबत न आती. ऐसे में इन सभी समीकरणों को समझते हुए आलाकमान फिलहाल उत्तराखंड राज्य में एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन करने का मन बना चुकी है. अगर अभी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होता है तो 9 सितंबर को 6 महीने का कार्यकाल पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को खुद ही इस्तीफा देना होगा. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मात्र 3 महीने का ही वक्त बचेगा.

पढ़ें-'आप' की सीएम तीरथ को सीधी चुनौती, गंगोत्री उपचुनाव में कर्नल कोठियाल ठोकेंगे ताल

सीएम का देहरादून वापस आना टला

इन सभी समीकरणों को देखते हुए आलाकमान अभी से ही नेतृत्व परिवर्तन करने की कवायद में जुट गया है. यही वजह है कि रामनगर में तीन दिवसीय हुए चिंतन शिविर के बाद अचानक से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब कर लिया गया और गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री की देहरादून वापसी को भी टाल दिया गया.

पढ़ें-बीजेपी हाईकमान के सामने 'पेशी'! रद्द हुई CM तीरथ की आज देहरादून वापसी

आने वाले दो दिन महत्वपूर्ण

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आलाकमान ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अगले कुछ दिनों में इस्तीफा देने की बात कह दी है. उम्मीद लगाई जा रही है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत देहरादून पहुंचेंगे. उसके बाद अगले 2 दिनों के भीतर उत्तराखंड की राजनीति में कुछ भी बड़ा हो सकता है.

पढ़ें-'आप' की सीएम तीरथ को सीधी चुनौती, गंगोत्री उपचुनाव में कर्नल कोठियाल ठोकेंगे ताल

कौन होगा अगला सीएम?

हालांकि, एक बड़ा सवाल अभी भी यही उठ रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अगर इस्तीफा देते भी हैं तो राज्य के अगले मुखिया कौन होंगे? इस बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. मगर इन दिनों प्रदेश की राजनीति में जो भी घटनाक्रम चल रहा है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में बहुत कुछ बदलने वाला है.

Last Updated : Jul 2, 2021, 6:22 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details