नई दिल्ली :भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सितंबर महीने से पूरी तरह से मैदान में उतरने जा रही है. इसके लिए उपलब्धियों और विकास परियोजनाओं की लिस्ट तैयार की जा रही है. इसमें न सिर्फ राज्य की विकास परियोजनाओं और उपलब्धियों को, बल्कि केंद्र सरकार के द्वारा किए गए कार्यों की उपलब्धियों को भी शामिल किया जा रहा है. इसमें जातिगत उपलब्धियां तो हैं ही, साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को भी अलग-अलग श्रेणी में सूचीबद्ध किया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर निर्माण, उज्जवला योजना, अंत्योदय योजना, गरीबों में कोविड-19 के दौरान बांटे गए मुफ्त भोजन और अगले साल दिवाली तक दिए जा रहे मुफ़्त राशन की योजना, तीन तलाक जैसी कुरीतियों को हटाने की उपलब्धि, प्रदेश में औरध नियंत्रण और यहां तक कि जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 और 35A को भी इस लिस्ट में जोड़ा जा रहा है.
यही नहीं, सूत्रों की मानें तो पार्टी जाति विशेष उपलब्धियों को भी इस लिस्ट में शामिल करेगी, जिसमें ब्राह्मण समुदाय के लिए पार्टी की तरफ से क्या-क्या कार्य किए गए और कितने नेताओं को टिकट दिए गए इत्यादि जैसी बातों को शामिल किया जाएगा. पिछड़ी जाति के वर्ग के लिए पार्टी ने ओबीसी बिल में संशोधन किया और साथ ही अन्य जातियों के विकास, रोजगार के लिए राज्य सरकार या केंद्र की तरफ से क्या-क्या कदम उठाए गए इन तमाम बातों को चुनाव प्रचार के दौरान हाइलाइट करने की भी योजना है.
यही वजह है कि भाजपा सितंबर से हर महीने प्रधानमंत्री के दो दौरे उत्तर प्रदेश में आयोजित करेगी. इस दौरान प्रधानमंत्री योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण तो करेंगे, साथ ही भाजपा उत्तर प्रदेश की इकाई की तरफ से तीन अलग-अलग यात्रा भी यूपी में निकाली जाएगी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर की तरफ जाने वाले सड़क का नामकरण भी कल्याण सिंह मार्ग रखा है और कहीं न कहीं हिंदुत्व के पुरोधा रहे कल्याण सिंह के नाम पर भी इस बार के चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है.
इसके अलावा भाजपा लगातार 2022 तक प्रदेश में युवा और किसानों के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना तैयार करेगी. इसी के तहत 23 अगस्त से रोजगार मेले की भी शुरुआत की जा रही है.
जल्द होगा कैबिनेट का विस्तार
सूत्रों की मानें तो प्रदेश में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार भी होने जा रहा है और इस बार यह विस्तार मात्र जातिगत समीकरण को देखते हुए ही किया जा रहा है. ब्राह्मण समुदाय के लोगों को विशेष तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात निकल कर सामने आ रही है, क्योंकि ब्राह्मण समुदाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में चिंतित नजर आ रही है.