लखनऊ :कोविड की बंदिशों के बीच उत्तरप्रदेश में राजनीतिक घमासान चरम पर है. यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है. टिकट के दावेदारों का नाम फाइनल करने से पहले सभी दल अभी राजनीतिक समीकरण को साधने के लिए उन नेताओं का इंतजार कर रहे हैं, जो पाला बदलकर आ सकते हैं. मगर बीएसपी 15 जनवरी को अपने कैंडिडेट का ऐलान कर सकती है. 15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन भी है. माना जा रहा है कि प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर बीएसपी अन्य प्रतिद्वद्वियों से बाजी मार सकती है. माना जा रहा है कि इस बार बीएसपी 60 से अधिक सीटों पर ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट देगी.
15 जनवरी 1956 को जन्मी बसपा प्रमुख मायावती 66 वर्ष की होने जा रही हैं. हर बार सियासी चर्चा बंटोरने वाले मायावती के जन्मदिन पर लखनऊ में कोई बड़ा आयोजन नहीं होने वाला है. इस बार पार्टी पदाधिकारी प्रदेशभर में जिला यूनिट पर जन्मदिन मनाएंगे. इस दौरान विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की आधिकारिक लिस्ट भी जारी हो सकती है. बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैजान खान के मुताबिक, बसपा के प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा पार्टी प्रमुख के जन्मदिन पर हो सकती है. इसके लिए वह खुद मंडल कॉर्डिनेटर, जिला अध्यक्षों, विधानसभा प्रभारी सहित अन्य पदाधिकारियों संग बैठक कर रही हैं. प्रत्याशियों को लेकर स्क्रीनिंग जारी है.
बहुजन समाजवादी पार्टी सामाजिक समीकरणों के जरिए वर्ष 2007 का इतिहास दोहराने की जुगत में है. इसके लिए 'भाईचारा फार्मूला' के जरिए दलित, ओबीसी, मुस्लिम के साथ-साथ ब्राह्मणों को पाले में खींचने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. ऐसे में अनुमान है कि पार्टी विधानसभा की 60 से 70 सीटों पर ब्राह्मण चेहरों पर दांव लगाने के मूड में है. वहीं, पार्टी के जिला अध्यक्षों, मंडल कॉर्डिनेटर के जरिए सम्मेलनों में अभी तक 300 सीटों पर बसपा के प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं. यह क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं.