नई दिल्ली: कांग्रेस ने ऑक्सीजन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि यह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा की वजह से नहीं हो रहा है, बल्कि इसका एक बड़ा कारण सरकार का अहंकार है.
माकन ने स्वास्थ्य संबंधी संसद की स्थायी समिति की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर सरकार फरवरी महीने में चेत गई होती तो आज यह स्थिति नहीं होती.
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में ऑक्सीजन का उल्लेख 40 बार किया गया है. समिति ने सरकार को चेताया था, लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा. दुख की बात है कि आज कई जगहों और खासकर देश की राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं.
रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है.
जयराम रमेश ने रिपोर्ट को साझा करते हुए कहा कि पिछले साल 21 नवंबर को संसदीय समिति ने ऑक्सीजन को लेकर राज्यसभा के चैयरमैन को एक रिपोर्ट सौपीं थी. इस रिपोर्ट में अस्पतालों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार से ऑक्सीजन पर्याप्त उत्पादन को प्रोत्साहित करने की सिफारिश की गई, लेकिन ऐसा मोदी सरकार ने नहीं किया.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर लिखा कि मोदी सरकार को छह महीने पहले पता था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी और सरकार यह भी जानती थी कि ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी पड़ेगी. सरकार सब कुछ जानती थी, लेकिन सरकार ने कुछ ने करना चुना. इसके बजाय पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार करना चुना. अब हमारे लोग अपने जीवन के साथ इसकी कीमत चुका रहे हैं.
माकन ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के इस संकट के दौरान दिल्ली में लोग ऑक्सजीन की कमी दम तोड़ रहे हैं, लेकिन इस समस्या को दूर करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आपस में झगड़ रहे हैं.
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन यह भी कहा कि दोनों नेता झगड़ना बंद करके राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित करें.
माकन ने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार आपस में झगड़ रहे हैं, जबकि ऑक्सीजन की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हम नरेंद्र मोदी जी और छोटे मोदी केजरीवाल जी से कहना चाहते हैं कि वे झगड़ना बंद करें. ऑक्सीजन की समस्या को दूर करने का प्रयास करें. आप दोनों बाद में तय कर लीजिएगा कि दिल्ली में शासन कौन करेगा.
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पिछले एक साल में ऑक्सीजन भंडारण की व्यवस्था के लिए कोई प्रयास नहीं किया.
दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए करोड़ों रुपये
माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रचार में पिछले साल 355 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इस साल प्रचार के लिए 467 करोड़ रुपये रखे गए हैं. यह पैसा, अगर ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने पर लगाया जाता, तो 750 मीट्रिक टन और ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकता था. ऐसे में दिल्ली ऑक्सीजन के लिए न केवल आत्मनिर्भर होता, बल्कि दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकता था.