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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा बोले- तालिबान के समर्थक राष्ट्र विरोधी

भारत में कुछ लोग खुलकर तालिबान के समर्थन में अपना बयान दे रहे हैं. चाहे वो मशहूर शायर मुनव्वर राना हों, सपा सांसद शफीकुर्हमान बर्क, AIMPLB प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मौलाना मसूद मदनी हों. इन सभी ने तालिबान के समर्थन में बयान दिया है. इन्हीं के बयानों पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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Published : Aug 31, 2021, 5:36 PM IST

अजय मिश्रा
अजय मिश्रा

लखनऊ :तालिबान के मुद्दे को लेकर भारत में भी सियासी बाजार गर्म है. अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरें पूरी दुनिया को डरा रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ भारत में भी इस मसले पर कई लोग बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि यह राजनीतिक रूप से हताश और निराश लोग हैं. हमारे प्रधानमंत्री हमेशा लोगों से संवाद करते रहते हैं. मन की बात में वह कभी पार्टी की बात नहीं करते. सिर्फ देश की बात करते हैं. लोगों को लगता है कि देश के पास एक नेतृत्व है, जो उनके बीच का है. यह हमारे राजनीतिक दलों में हताशा लाता है और वह विरोध करने में ऐसी स्थिति में चले जाते हैं, मालूम होता है कि वह राष्ट्र का विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में तालिबानों के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रखने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है. सपा सांसद शफीकुर्हमान बर्क, AIMPLB प्रवक्ता और पूर्व मंत्री मौलाना मसूद मदनी के बाद मशहूर शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana Support Taliban) ने भी तालिबानी आतंकियों का समर्थन किया था. उनका कहना था कि तालिबानी बुरे लोग नहीं हैं. हालात की वजह से वह ऐसे हो गए हैं. इसके साथ ही मशहूर शायर का कहना है कि उन पर भरोसा किया जा सकता है.

तालिबान के समर्थक राष्ट्र विरोधी

मुनव्वर राना व अन्य लोगों द्वारा तालिबान के समर्थन में दिए गए बयान को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने टिप्पणी की. वहीं जम्मू-कश्मीर के हालात पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने कहा कि जिन लोगों का आतंकवाद और विस्तारवाद पर भरोसा है, उन्होंने हमारे देश में अस्थिरता फैलाने के लगातार प्रयास किए हैं, लेकिन 2014 के बाद हमने न केवल आतंकवाद पर काबू किया, बल्कि सीमा पार से आने वाले घुसपैठियों को गिरफ्तार किया या एनकाउंटर में मारा है. कोई बहुत बड़ी घटना हमारे देश में नहीं हुई है. वह कहते हैं कि हमारे देश में भी कुछ ऐसे दल हैं, जिन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटी तो देश में तिरंगा उठाने वाले लोग नहीं मिलेंगे. यह ऐसे लोग थे, जो डराकर अपनी राजनीति करते थे और कुर्सी पर बने रहना चाहते थे. हमारे पास एक सक्षम नेतृत्व था मोदी और शाह के रूप में. पहले कश्मीर में सरकारी इमारतों पर भी तिरंगा फहराना एक चुनौती होती थी, लेकिन 15 अगस्त को सबने देखा होगा कि न केवल सरकारी इमारतों, बल्कि लोगों ने अपने घरों में भी तिरंगा फहराया.

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