नई दिल्ली : यूक्रेन से भारत लौटे बच्चों की मेडिकल की पढ़ाई कैसे पूरी होगी ? संसद में इस बात पर चिंता जाहिर की गई. यूक्रेन से लौटे छात्रों के मेडिकल कोर्स के संबंध में लोक सभा में कई सांसदों ने सवाल खड़े किए. छात्रों के भविष्य पर संकट का जिक्र कर सांसदों ने कहा कि सरकार यूक्रेन से लौटे बच्चों की मेडिकल की पढ़ाई पूरी कराने को लेकर गंभीरता दिखाए. गौरतलब है कि विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर यूक्रेन संकट पर लोक सभा और राज्य सभा में मंगलवार, 15 मार्च को बयान देंगे.
लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान असम से निर्वाचित कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने यूक्रेन से लौटे छात्रों के भविष्य पर सवाल किया. मेडिकल एजुकेशन को लेकर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार छात्रों के भविष्य की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि फिलहाल यूक्रेन से लौटे बच्चों को जो शॉक लगे हैं, उनसे उबारने की कोशिश हो रही है. वरिष्ठ डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि यूक्रेन से लौटे बच्चों की मेडिकल शिक्षा भारत या अन्य स्थानों पर पूरी हो, सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे.
यूक्रेन संकट पर लोक सभा सांसद गौरव गोगोई लोक सभा के कई सदस्यों ने यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों से जुड़ा विषय सदन में उठाया और सरकार से आग्रह किया कि इन छात्रों के भविष्य की सुरक्षा के लिए समग्र नीति बनाई जाए. कांग्रेस के अब्दुल खालिक ने कहा कि यूक्रेन से लौटे छात्रों का भविष्य अनिश्चितता से भरा हुआ है, इसलिए सरकार को एक नीति बननी चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य सुनिश्चित हो सके.
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मिथुन रेड्डी, कांग्रेस के राजमोहन उन्नीथन, अब्दुल खालिक और कुछ अन्य सदस्यों ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों का विषय लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया. मिथुन रेड्डी ने कहा कि यूक्रेन से लौटे बहुत सारे छात्र सामान्य परिवारों के हैं जिन्हें देश के मेडिकल कॉलेजों में समाहित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई के शुल्क को कम किया जाए और नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाएं.
कांग्रेस के के. सुरेश ने कहा कि छात्रों को पढ़ाई का नुकसान हुआ है और वे अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक समग्र नीति बने और उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दुनिया भर में हर भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास में छात्र कल्याण इकाई बनाई जाएं ताकि भारतीय छात्रों को मदद मिल सके. सुरेश ने कहा कि विदेश मंत्री को इस मामले पर सदन में वक्तव्य देना चाहिए.
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बता दें कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आठ अप्रैल तक चलेगा. दूसरे चरण में राज्यसभा में अधिक कामकाज होगा. कोविड-19 संबंधी हालात में काफी सुधार आने के कारण लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से साथ-साथ चल रही है. बता दें कि बजट सत्र का पहला चरण संसद के सेंट्रल हॉल में लोक सभा एवं राज्य सभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से 29 जनवरी को शुरु हुआ था, जिसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया था. सीतारमण ने एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया था, जिसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण और केंद्रीय बजट के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी.