अजमेर/जयपुर. उदयपुर कन्हैयालाल दर्जी हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपियों को जयपुर एनआईए कोर्ट में पेश (Udaipur Killers In NIA Court) करने के लिए शनिवार सुबह हाई सिक्योरिटी जेल से रवाना किया गया. जेल में आवश्यक खानापूर्ति के बाद हत्याकांड के मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज को सुबह जयपुर ले जाया गया, जहां दोपहर में चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान आरोपियों को 14 दिन की रिमांड मांगी गई थी लेकिन कोर्ट ने 10 दिन की रिमांड पर भेजा. कोर्ट परिसर में वकीलों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए.
30 जून की मध्य रात्रि को दोनों आरोपियों को अजमेर में प्रदेश की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल में लाया गया था. अगले दिन 1 जुलाई को दोनों आरोपियों का हाई सिक्योरिटी जेल में ही मेडिकल मुआयना किया गया था. जेल के भीतर दोनों आरोपियों को अन्य कैदियों से अलग कोठरी में रखा गया था.
जयपुर एनआईए कोर्ट में आरोपी. जानकारी के मुताबिक उदयपुर कन्हैया लाल जघन्य हत्याकांड मामला अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़ा हुआ है. ऐसे में इस मामले की जांच एनआईए कर रही है. वहीं दूसरी ओर आरोपियों के राजस्थान में अन्य संपर्कों को भी खंगाला जा रहा है. मामले में दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. उदयपुर कन्हैया लाल मर्डर केस मामले में दोनों मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी (Perpetrators Of Udaipur) के बाद हुए खुलासे से अजमेर खुफिया पुलिस सतर्क हो गई है. केस से जुड़े तथ्यों के अलावा आरोपियों के संपर्क सूत्रों में अजमेर का नाम आने से खुफिया पुलिस के निशाने पर कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोग हैं.
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दरअसल अजमेर में कुछ असामाजिक तत्वों ने मौन जुलूस की शुरुआत में आपत्तिजनक बातें कही थीं. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि मुख्य आरोपी गौहर अब भी फरार है. बताया जा रहा है उस दिन जो नारा मौन जुलूस से पहले आरोपियों ने लगाया था वही नारा उदयपुर में हत्या से पहले जारी आरोपियों के वीडियो में भी लगाया गया है. ऐसे में अजमेर में भी आरोपियों से जुड़े संपर्क सूत्र खंगाले जा रहे हैं. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों मुख्य आरोपी भीम होते हुए अजमेर आने की फिराक में थे. अब पता ये भी लगाया जा रहा है कि उनका अजमेर में पनाहगार कौन बनने वाला था?
वकीलों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. चित्तौड़गढ़ के तीन युवकों को किया डीटेन
उदयपुर हत्याकांड के तार चित्तौड़गढ़ से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं. जांच एजेंसी की ओर से चित्तौड़गढ़ के तीन युवकों को डीटेन किए जाने की बात सामने आ रही है. आरोपियों से पूछताछ के दौरान हत्या से पहले कन्हैयालाल की रेकी किए जाने की बात सामने आई है जिनमें चित्तौड़गढ़ के कुछ लोगों के शामिल होने की बात बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि इस आधार पर एनआईए सहित जांच में जुटी एजेंसियों की ओर से डिटेक्ट करते हुए तीन युवकों को डिटेन किया गया. हालांकि जांच अधिकारी सहित स्थानीय पुलिस अफसर इस बारे में चुप्पी साधे हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार इनमें से एक निंबाहेड़ा का रहने वाला है जिसकी घटना के दिन उदयपुर में लोकेशन ट्रेस आउट हुई थी. वहीं मामले में जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत का कहना है कि उदयपुर हत्याकांड मामले में चित्तौड़गढ़ के तीन लोगों को डिटेन किए जाने के बारे में फिलहाल उन्हें कोई जानकारी नहीं है.