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भारत के दो नौसैन्य पोत मालाबार अभ्यास में हिस्सा लेने गुआम द्वीप पहुंचे

हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के मद्देनजर क्वाड देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान 26 से 29 अगस्त तक गुआम अपतटीय क्षेत्र में मालाबार नौसैन्य अभ्यास के अगले संस्करण का आयोजन करेंगे.

नौसैन्य पोत
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Published : Aug 22, 2021, 7:42 PM IST

नई दिल्ली :हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के मद्देनजर क्वाड देश भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान 26 से 29 अगस्त तक गुआम अपतटीय क्षेत्र में मालाबार नौसैन्य अभ्यास के अगले संस्करण का आयोजन करेंगे.

भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय स्टेल्थ युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और पनडुब्बी विध्वंसक युद्धपोत ‘आईएनएस कदमत’ शनिवार को पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के नियंत्रण वाले गुआम द्वीप पहुंच गए है और जो अभ्यास में हिस्सा लेंगे.

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि मालाबार-21 में क्वाड देशों की नौसेनाओं के विध्वंसक, युद्धपोत, कार्वेट, पनडुब्बियां, हेलीकॉप्टर और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान सतह और हवा में लक्ष्यों को निशाना बनाने तथा पनडुब्बी विध्वंसक युद्ध प्रकारों का अभ्यास किया जाएगा.

कमांडर मधवाल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण रोधी पाबंदियों के बावजूद अभ्यास का आयोजन इसमें शामिल हो रहीं नौसेनाओं के बीच तालमेल का सबूत है और यह सुरक्षित समुद्र की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

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भारत के आमंत्रण के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल मालाबार अभ्यास में हिस्सा लिया था. चीन वार्षिक मालाबार अभ्यास को संदेह की दृष्टि से देखता रहा है क्योंकि उसे लगता है कि युद्धाभ्यास हिंद प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को कम करने का प्रयास है.

मालाबार अभ्यास 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था. जापान 2015 में अभ्यास का स्थाई सदस्य बना. यह वार्षिक अभ्यास 2018 में गुआम अपतटीय क्षेत्र में और 2019 में जापान अपतटीय क्षेत्र में आयोजित किया गया था. पिछले साल यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया जिसका पहला चरण बंगाल की खाड़ी में और दूसरा चरण अरब सागर में हुआ था.

(पीटीआई-भाषा)

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