दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हरिद्वार में विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक शुरू, समलैंगिक विवाह पर हुई चर्चा

विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई है. बैठक के पहले दिन समलैंगिक विवाह चर्चा की गई. संतों ने इस मामले पर आक्रोश जताया. संतो ने कहा समलैंगिकता को मान्यता देना परिवार संस्था को नष्ट करने का प्रयत्न है. अगर परिवार संस्था नष्ट होती है तो भारत की संस्कृति का मुख्य आधार ही समाप्त हो जाएगा

Etv Bharat
हरिद्वार में विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक शुरू

By

Published : May 25, 2023, 4:07 PM IST

हरिद्वार(उत्तराखंड): विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक आज हरिद्वार के कनखल स्थित श्री कृष्णा आश्रम में शुरू हुई. जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन के साथ इस बैठकी की शुरुआत हुई. बैठक में देश भर से सैकड़ों संत शामिल हो रहे हैं. बैठक के पहला सत्र समलैंगिक और लिव इन रिलेशन विषय को लेकर शुरू हुआ.

बैठक में मार्गदर्शक मंडल समलैंगिक कानून और लिव इन रिलेशन को लेकर विरोध जताया है. कहा गया इस कानून की भारत में कोई आवश्यकता नहीं है. इसके लिए संत समाज ने जन जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है. उसके लिए संत गांव में प्रवास करेंगे. वहां के लोगों में जागृति पैदा करेंगे. संतों का मानना है कि इस प्रकार की वैवाहिक संस्था का वैधीकरण इस देश में संस्कृति का अपमान होगा और संस्कृति का घोर तिरस्कार होगा.

पढे़ं-Uttarakhand Board Result 2023: 10वीं में टिहरी के सुशांत और 12वीं में जसपुर की तनु बनीं टॉपर, ऐसे देखें रिजल्ट

अध्यक्षता कर रहे जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा भारत की सनातन संस्कृति और उसके संस्कार पूरे विश्व में इसने विख्यात हैं. हम पूरे विश्व के कल्याण की कामना करते हैं. भारत की हिंदू संस्कृति पूरे विश्व को परिवार मानती है. भारत की हिंदू संस्कृति सब के हितों की बात करती है. सबके अधिकार सम्मान स्वाभिमान की चिंता रखती है.

पढे़ं-PM मोदी ने उत्तराखंड को दी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात, बोले- देवभूमि विश्व की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगी

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा समलैंगिकता को मान्यता देना परिवार संस्था को नष्ट करने का प्रयत्न है. अगर परिवार संस्था नष्ट होती है तो भारत की संस्कृति का मुख्य आधार समाप्त हो जाएगी. इसके लिए समाज का जागरण भी करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. निर्णय सुरक्षित है इसलिए अभी आंदोलन का कोई विषय नहीं है. संतों ने यह भी विचार किया है कि सारे समाज के जागरण के लिए धर्मांतरण को रोकने के लिए घर वापसी के लिए दिवाली से 15 दिन पहले और 15 दिन बाद पूरे देश के संत गांव में जाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details