सैन फ्रांसिस्को :अरबपति एलन मस्क के ट्विटर को खरीदने के बाद चर्चा है कि इस माइक्रोब्लॉगिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में बड़ा बदलाव हो सकता है. एलन मस्क की ट्विटर को सभी के लिए फ्री स्पीच बनाने की योजना से शायद से बहुत से लोगों में चिंता न हो, लेकिन इससे महिलाएं, नस्लीय अल्पसंख्यक और अन्य हाशिए के समूह जरूर चिंतित होंगे, क्योंकि इनके उत्पीड़न के लिए टारगेट होने की सबसे अधिक संभावना है. उन्हें डर है कि मंच पर नियंत्रण के लिए अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अभद्र भाषा, बदमाशी और दुष्प्रचार के पैरोकारों को प्रोत्साहित करेगा.
इसके बावजूद जिन लोगों को ट्विटर पर अत्यधिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उनका कहना है कि उनके मंच छोड़ने की संभावना नहीं है. नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बावजूद, वे अब भी ट्विटर पर अपने विचार व्यक्त करने और दूसरों के साथ जुड़ने के स्थान के रूप में उचित मानते हैं. इससे यह समझाने में मदद मिल सकती है कि मस्क निरंकुश मुक्त भाषण (Free Speech) के विपरीत प्रभाव को लेकर बहुत कम चिंता क्यों दिखते हैं. हालांकि विज्ञापनदाता- जो ट्विटर के राजस्व का 90% हिस्सा हैं - इसे नजरअंजाद नहीं कर सकते हैं.
गर्भपात अधिकार कार्यकर्ता रेनी ब्रेसी शेरमेन ट्विटर पर अनुमानित आलोचना से डरी हुई हैं, क्योंकि उन्हें पहले ही ट्विटर पर जान से मारने की धमकी मिल चुकी है और हाल ही में, फोटोशॉप के जरिए उनकी तुलना नाज़ी के रूप में की गई. ब्रेसी शेरमेन ने कहा कि यह नफरत और हिंसा का एक मोंटाज है. लेकिन जहां कुछ प्रसिद्ध लोगों ने कहा है कि वे मस्क की वजह से ट्विटर छोड़ने की योजना बना रहे हैं, वहीं ब्रेसी शेरमेन जैसे उपयोगकर्ताओं का कहना है कि ट्विटर छोड़ना इतना आसान नहीं है. वे किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर इतनी आसानी से ध्यान आकर्षित नहीं कर सकते हैं. वे ट्विटर नहीं छोड़ सकते हैं और अपने फॉलोअर्स से उनके साथ जुड़ने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.