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Tripura Unrest : गृह मंत्री शाह से मिलेंगे 15 टीएमसी सांसद, सायानी घोष हिरासत में

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Published : Nov 21, 2021, 7:38 PM IST

त्रिपुरा में तृणमूल सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल (TMC Delegation) गृह मंत्री से मिलेगा. त्रिपुरा में अशांति (Tripura Unrest) के बाद 15 से ज्यादा टीएमसी सांसद रविवार रात दिल्ली पहुंचेंगे. जानकारी के मुताबिक सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है. इसी बीच त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस नेता सायानी घोष (TMC leader Sayani Ghosh) को पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने की भी सूचना है.

अमित शाह
अमित शाह

अगरतला : तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष (TMC leader Sayani Ghosh) को त्रिपुरा पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. कार्रवाई सत्तारूढ़ भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत के बाद की गई है. एक अधिकारी ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ता ने घोष पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब (Chief Minister Biplab Kumar Deb) की एक नुक्कड़ सभा को बाधित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि घोष ने बैठक स्थल पर पहुंचकर 'खेला होबे' के नारे लगाए. इसी बीच त्रिपुरा में हिंसा की खबरों के संबंध में तृणमूल सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने का फैसला लिया है.

जानकारी के मुताबिक 15 तृणमूल सांसदों का एक दल रविवार रात दिल्ली पहुंचेगा. तृणमूल ने गृह मंत्री शाह से मिलने का समय मांगा है. इसके बाद तृणमूल नेता सोमवार को धरने पर भी बैठेंगे.

रविवार को तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को हिरासत में लिया गया. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले सायानी को हिरासत में लिया गया है. घोष को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था.

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्का-मुक्की की. हालांकि, भाजपा ने आरोप को खारिज किया है.

अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर त्रिपुरा की भाजपा सरकार पर राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया.

बनर्जी ने रविवार सुबह को किए गए कथित हमले का वीडियो ट्विटर पर साझा किया और मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधते हुए कहा, 'वह हमारे समर्थकों और महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय हमला करने के लिए लगातार गुंडे भेज रहे हैं. त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र का मजाक बना रही है.'

उच्चतम न्यायालय ने हाल में त्रिपुरा पुलिस को निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी राजनीतिक दल को शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाए.

पुलिस ने कहा कि घोष से पूछताछ के दौरान थाने के बाहर एकत्र लोगों के समूह पर कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने हमला किया. हालांकि, हमले में किसी को चोट नहीं आयी.

तृणमूल कांग्रेस की नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देब ने पत्रकारों से कहा, 'हमारे उम्मीदवारों को पीटा गया, उनके घरों में तोड़-फोड़ की गई और शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस यहां एकतरफा तरीके से काम कर रही है.'

तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि त्रिपुरा में जिस तरह का लोकतंत्र है तो,' हम अपने नेताओं से पश्चिम बंगाल में (भाजपा के साथ) भी ऐसा ही करने को कहेंगे.'

वहीं, भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया, क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती.

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

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