कांकेर : बेचाघाट में 200 गांवों के हजारों महिला-पुरुष पहुंचे हैं. आदिवासियों का कहना है कि (Tribals in Kanker district of Bastar ) बेचाघाट में सरकार पुल बनाने और बीएसएफ कैम्प खोलने की तैयारी कर रही है. आदिवासी इसका खुला विरोध (Tribals protest over proposed BSF camp) कर रहे हैं.
जल-जंगल, जमीन की लड़ाई
आदिवासियों का कहना है कि पूर्वजों के समय से वे जल, जंगल, जमीन और प्राकृतिक खनिज संपदा की रक्षा करते आ रहे हैं. सरकार ये पुल हमारी सुविधा के लिए नहीं बना रही है, बल्कि इलाके के जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा को लूटने के लिए पुल का निर्माण कर रही है.
आदिवासियों का यह भी आरोप है कि बीएसएफ कैंप खुलने से सुरक्षाबल के जवान अंदरूनी इलाके में जाकर ग्रामीणों के साथ मारपीट करते हैं. वे ग्रामीणों की सुरक्षा नहीं करते हैं. आदिवासी ग्रामीण जवानों से अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि अंदरूनी गांवों में बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार नाकाम रही है. अब जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा लूटने के लिए पुलिया बना रही है. हम आदिवासी इसका विरोध करते हैं.