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कोरोना संक्रमित दोस्त की सांसों के लिए तय किया 1400 किमी का सफर

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Published : Apr 29, 2021, 11:58 AM IST

देवेंद्र ने अपने दोस्त रंजन तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए बोकारो से नोएडा तक करीब 1400 किलोमीटर का सफर 24 घंटे में पूरा कर लिया. बता दें कि नोएडा में ऑक्सीजन की किल्लत के कारण रंजन को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी, जिस कारण देवेंद्र ने अपनी कार से ही ऑक्सीजन सिलेंडर नोएडा ले जाना जरूरी समझा.

कोरोना संक्रमित दोस्त
कोरोना संक्रमित दोस्त

बोकारो : दोस्ती जिसकी परिभाषा सब के लिए अलग-अलग है. आज के समय में सच्ची दोस्ती बहुत कम ही देखने को मिलती है. खासकर ऐसे समय में जब रिश्तों को शर्मसार करने की खबरें आती रहती हो, ऐसे झारखंड के बोकारो के रहने वाले देवेंद्र ने अपने दोस्त रंजन के लिए कोरोना के दौर में वह किया, जिसके बारे में हर कोई सोच भी नहीं सकता.

24 घंटे में तय किया 1400 किमी का सफर

दरअसल, नोएडा के रहने वाले रंजन के बारे में दोस्त देवेंद्र को पता चला कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, तो वह 1400 किलोमीटर का सफर तय कर उसके लिए ऑक्सीजन लेकर पहुंच गए. यहां जब ऑक्सीजन के जरिये दोस्त की सांसों की डोर जिंदगी संग चलने लगी तो बोकारों के रहने वाले देवेंद्र को सुकून मिला तो रंजन की आंखें भर आई.

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बताया जा रहा है कि नोएडा में रहने वाले रंजन अग्रवाल कोरोना संक्रमित हो गए. इस दौरान रंजन का ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिरता जा रहा था. नोएडा में ऑक्सीजन की किल्लत के कारण रंजन को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी. ये खबर बोकारो में देवेंद्र को सोशल मीडिया के जरिए मिली, जिसके बाद देवेंद्र ने बोकारो में विभिन्न जगहों पर जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन सिलेंडर नहीं मिला.

इस बीच उसके एक अन्य मित्र ने बोकारो बालीडीह बियाड़ा स्थित झारखंड इस्पात ऑक्सीजन प्लांट के संचालक से संपर्क कर उन्हें पूरी जानकारी दी, जिस पर वह ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए राजी हो गए. हालांकि, यह शर्त रखी गई की ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए उन्हें सिक्योरिटी के तौर पर ₹9600 और ऑक्सीजन का ₹400 जमा करना होगा.

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देवेंद्र ने तत्काल सिलेंडर के लिए राशि जमा कराई. इसके बाद बिना देर किए 25 तारीख को खुद की कार में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर नोएडा के लिए निकल पड़े और 24 घंटे के अंदर ही सिलेंडर नोएडा के अस्पताल पहुंचा दिया. ऑक्सीजन पहुंचते ही फौरन रंजन को ऑक्सीजन दी गई और इलाज के दौरान रंजन की स्थिति भी सुधरने लगी. वहीं, अब देवेंद्र लगातार अपने दोस्त की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल में रहकर रंजन का बेहतर इलाज करा रहे हैं.

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