नई दिल्ली:दक्षिण कोरिया के एक शीर्ष बौद्ध भिक्षु ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में बौद्ध धर्म का एक बड़ा पुनरुत्थान देखा है. देश सक्रिय रूप से वैश्विक संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने में भूमिका निभाएगा और यह तेजी से बढ़ रहा है. भविष्य में भारत दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर अग्रसर है.
भारत की विदेश नीति में बौद्ध धर्म के महत्व के बारे में पूछे जाने पर गाइडिंग धर्मा मास्टर, जंग्टो सोसाइटी के अध्यक्ष वेन पोमनियम सुनीम ने बौद्ध धर्म पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई लोगों को आशा दी है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने बौद्ध धर्म का एक महान पुनरुद्धार देखा है. उन्होंने कहा कि 2 हजार साल पहले बौद्ध धर्म समुद्री मार्ग से भारत से कोरिया पहुंचा था. बता दें कि पोमनियम 20-21 अप्रैल तक दो दिवसीय वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष बौद्ध विद्वानों में से एक थे.
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में भारत तेजी से विकास कर रहा है और मुझे लगता है कि यह जल्द ही दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा. हालांकि, मुझे लगता है कि भारत के महान मानव इतिहास में यह एक आर्थिक समस्या नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक समस्या है. पूरी दुनिया इस समय संघर्ष में है. मुझे उम्मीद है कि भारत इस संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में सक्रिय रूप से भूमिका निभाएगा और भारत ऐसा कर सकता है. भारत ने वर्षों से विदेश नीति पर अपनी पकड़ बनाई है और बौद्ध कूटनीति इन पहलों को प्राप्त करने की रणनीति रही है. कूटनीति और विदेश नीति में बौद्ध धर्म के साथ भारत के ऐतिहासिक जुड़ाव महत्वपूर्ण रहे हैं और वैश्विक समुदाय में इसकी अत्यधिक सराहना की जाती है.
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