पुणे : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि बाल गंगाधर तिलक आजादी की मांग को जोरदार तरीके से रखने में पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे. वह यहां लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे. मोदी ने कहा, 'तिलक आजादी की मांग को जोरदार तरीके से रखने में पत्रकारिता और अखबारों के महत्व को समझते थे. उन्होंने अंग्रेजी सप्ताहिक 'मराठा' की शुरुआत की और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों गोपाल गणेश अगरकर और विष्णु शास्त्री चिपलुणकर की मदद से मराठी दैनिक 'केसरी' की शुरुआत की.
उन्होंने कहा कि केसरी का मुद्रण 140 साल से हो रहा है, जो दिखाता है कि तिलक ने संस्थान का ठोस आधार रखा था. इस मौके पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी प्रेस के महत्व पर बात की. उन्होंने कहा कि तिलक ने पत्रकारिता का इस्तेमाल आम लोगों को ब्रिटिश गुलामी से आजादी के लिए प्रेरित करने के वास्ते हथियार के तौर पर किया.
पवार ने कहा, 'उन्होंने 25 साल की उम्र में दैनिक केसरी और साप्ताहिक मराठा की शुरुआत की. इन अखबारों की मदद से उन्होंने अंग्रेजों पर हमला किया...वह कहते थे कि पत्रकारिता दबाव से मुक्त होनी चाहिए. यह उनका रुख था और वह इस पर अमल करते थे.'