दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए तीन साल हो गए, पर ‘विकास’ का कहीं अता-पता नहीं - pulwama development jk

5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को समाप्त करते समय केंद्र सरकार ने भरोसा दिया था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के क्षेत्रों में विकास कार्यों को नया बल मिलेगा. लेकिन तीन साल बाद जमीनी स्थितियों पर गौर करेंगे तो उपलब्धि या विकास के नाम पर ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है.

RAW
RAW

By

Published : Aug 5, 2022, 7:31 AM IST

Updated : Aug 5, 2022, 9:12 PM IST

जम्मू: 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को समाप्त करते समय केंद्र सरकार ने भरोसा दिया था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के क्षेत्रों में विकास कार्यों को नया बल मिलेगा. लेकिन तीन साल बाद जमीनी स्थितियों पर गौर करेंगे तो उपलब्धि या विकास के नाम पर ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है. उदाहरण स्वरूप पुलवामा जिले को ही देख लीजिए. निर्माण और विकास के पैमाने पर पुलवामा काफी पिछड़ा हुआ जिला माना जाता है. आज भी यहां की स्थितियां नहीं बदली हैं. यह एक संवेदनशील जिला है. और यह संवेदनशीलता ही विकास के रास्ते में बाधा बनती रही है. पांच अगस्त 2019 के बाद कुछ जगहों पर मामूली-सा विकास जरूर देखने को मिला है, लेकिन राज्य के दूसरे जिलों के मुकाबले यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव दिखता है.

अनुच्छेद 370 को समाप्त हुए तीन साल हो गए, पर ‘विकास’ का कहीं अता-पता नहीं

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद में कमी: पुलिस

पब्लिक हेल्थ सेंटर कुछ जगहों पर बनाने की घोषणा की गई थी. कुछ जगहों पर बनाया भी गया. लेकिन वहां पर मेडिकल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. जिले के कई दफ्तरों में अधिकारी तैनात नहीं हैं. कुछ विभागों में तो एक ही आदमी के पास दो-दो जिलों की जवाबदेही है. स्वच्छता की बात कर लीजिए. जिले की प्रमुख सड़क, सर्कुलर रोड, पर कचरा भरा पड़ा रहता है. इस गंदगी की वजह से आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है. वैसे तो पुलवामा में दूसरे जिलों की तुलना में फलों का उत्पादन अच्छा होता है. लेकिन फल उत्पादन करने वाले किसानों की समस्याएं आज तक यथावत बनीं हुईं हैं.

एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए अस्थायी पुल का सहारा लेना पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने आजतक इसकी गंभीरता को नहीं समझा है. पुलवामा और बडगाम जिले को जोड़ने वाला पुल रहमान ब्रिज आज तक पूरा नहीं हुआ है. यह पुलवामा जिले का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. पुलवामा में मैटरनिटी अस्पताल को मंजूरी दी जा चुकी है. लेकिन यह सिर्फ कागजों पर ही दिख रहा है. इसका कहीं अता-पता नहीं है. जहां पर इस अस्पताल को बनाया जाना है, वहां पर लोग धान की खेती कर रहे हैं. पुलवामा से पास होने वाली धाबी कूल की आज तक सफाई नहीं करवाई गई है. यहां पर अवैध निर्माण हटाने की बात कही गई थी. इसे भी पूरा नहीं किया गया.

पढ़ें: जनवरी से तीन जुलाई के बीच 1.06 करोड़ पर्यटकों ने किया जम्मू एवं कश्मीर का दौरा

पुलवामा जिले के सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष मोहम्मद अल्ताफ कहते हैं कि सरकार ने भरोस दिया था कि पांच अगस्त 2019 के बाद जिले में विकास की गतिविधियां बढ़ेंगी. लेकिन जमीन पर तो ऐसा दिखता नहीं है. लगभग सभी वादे अधूरे हैं. उन्होंने कहा कि जिले के युवकों को रोजगार देने की बात कही गई थी, लेकिन वह तो सरकार की प्राथमिकता ही नहीं है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता उमर जैन ने कहा कि भाजपा का एजेंडा था, अनुच्छेद 370 को हटाना और 35ए को समाप्त करना. उसने ऐसा कर दिया और इसके जरिए उन्होंने अपना वोट बैंक सुरक्षित कर लिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विकास के नए सपने दिखाए थे, लेकिन देखिए आम लोग आज भी मारे जा रहे हैं. सुरक्षा बलों पर हमले हो रहे हैं. अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं. सरकार किस कश्मीर की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि एक दिन भी ऐसा नहीं बितता है जिस दिन हमारे युवा विरोध दर्ज नहीं करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ पुराने प्रोजेक्ट को नया नाम देकर क्रेडिट ले रही है, नया कुछ भी नहीं हुआ है.

Last Updated : Aug 5, 2022, 9:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details