बेंगलुरु : भारत में हम लैंगिक समानता की चाहे कितनी भी बात कर लें, लेकिन असल में आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस भेदभाव को अपने मन से निकाल नहीं पा रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के बेंगलुरु से सामने आया है. यहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और तीन बेटियों को बेटे की लालच में छोड़ दिया था. लेकिन उस महिला ने हिम्मत नहीं हारी. इस महिला का नाम मंजुला है. मंजुला ने अपने बच्चों के लिए माता और पिता दोनों का किरदार निभाया. परिणाम स्वरूप बेटियों ने भी अपनी मां को गौरवान्वित किया.
बेंगलुरु के डोड्डाबल्लापुरा की रहने वाली मंजुला की दूसरी बेटी, नंदिनी ने बेंगलुरु विश्वविद्यालय में पहला स्थान प्राप्त किया है, जिसपर उनके परिजनों को गर्व है.
नंदिनी को बचपन से कभी भी पिता का प्यार नहीं मिला. लेकिन इसी कमी ने उसे कुछ कर गुजरने का हौसला दिया और उसने बेंगलुरु विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 600 कॉलेजों में टॉप किया है.