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जयशंकर का पाक पर हमला, बोले- रात में आतंक, दिन में व्यापार नहीं हो सकता - रात में आतंक दिन में व्यापार नहीं हो सकता है

सार्क की बैठक के बारे में बात करते हुए भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जब तक सार्क का एक भी सदस्य आतंकवाद को पोषित करता रहेगा तब तक भारत सार्क की बैठकों में शामिल नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Terror by night trade by day
विदेश मंत्री जयशंकर

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Published : Jun 29, 2023, 6:49 AM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान पर हमला किया है. विदेश मंत्री ने परोक्ष हमला करते हुए बुधवार को कहा कि भारत सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) की बैठक शामिल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जबतक सार्क का एक सदस्य आतंकवाद का समर्थक बना रहेगा, भारत इसकी बैठकों में शामिल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगा जहां रात में आतंकवाद और दिन में व्यापार की बात होगी.

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में जयशंकर ने सार्क पर कुछ भी न सुनने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आपने सार्क के बारे में बहुत कुछ नहीं सुना है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में, हमारे पास सुनने के लिए बहुत कुछ नहीं है. क्योंकि सार्क का एक सदस्य है जो सार्क की सभी बुनियादी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि आज जो सार्क में दिक्कतें हैं वह वास्तविकता है. आप जानते हैं कि मैंने कहा था कि हम आतंकवाद के कृत्यों को जारी नहीं रख सकते हैं. फिर भी सहयोग जारी रहेगा.

उन्होंने कहा कि तो, मुझे लगता है कि वहां कुछ मुद्दे हैं. अब समय आ गया है कि उन मुद्दों की गंभीरता को पहचाना जाए. मुझे नहीं लगता कि बिना ऐसा किये देश को कोई फायदा नहीं होगा. इससे पहले भी जयशंकर ने सार्क का सक्रिय संगठन नहीं होने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. दिसंबर 2022 में, जयशंकर ने वाराणसी में कहा कि सार्क वर्तमान में सक्रिय नहीं है.

गौरतलब है कि सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका का क्षेत्रीय अंतरसरकारी संगठन है. जयशंकर ने बिना पाकिस्तान का नाम लिये कहा कि हम अन्य पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखेंगे लेकिन एक सदस्य के साथ उनके रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते.

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उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि जब पड़ोस की बात आती है तो पाकिस्तान स्पष्ट रूप से अपवाद है. इसे बहुत कम स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. तथ्य यह है कि हम आतंकवाद को सामान्य नहीं होने दे सकते. हम इसे हमारे साथ चर्चा में शामिल होने का आधार नहीं बनने दे सकते. उन्होंने कहा कि मैं अभी भी इस बात से थोड़ा हैरान हूं कि हम इस स्थिति पर पहले क्यों नहीं पहुंचे. लेकिन हम अब इस पर पहुंचे हैं.

(एएनआई)

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