हैदराबाद : तेलंगाना पुलिस की महिला सुरक्षा विंग ने मंगलवार को 'प्राइड प्लेस' का शुभारंभ (telangana transgender protection cell) किया, जिसे देश की पहली पुलिस-संचालित पहल कही जा रही है. यह खासतौर पर LGBTQIA समुदाय के लिए काम करेगी. इस मौके पर पुलिस महानिदेशक एम. महेंद्र रेड्डी ने प्राइड प्लेस का लोगो और पहल की मानक संचालन प्रक्रियाओं सहित विवरण वाली एक पुस्तिका जारी की. इस सेल में एक पुलिस निरीक्षक, तीन उप निरीक्षक और कांस्टेबल तैनात रहेंगे.
'प्राइड प्लेस' प्रकोष्ठ की शुरुआत के बाद डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि यह प्रकोष्ठ राज्य में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए एक ही स्थान पर पुलिस और अन्य सेवाओं के जरिये सभी तरह के समाधान उपलब्ध कराने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए अन्य हितधारकों का भी सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रकोष्ठ ऐतिहासिक होगा और इस समुदाय के सदस्यों को न्याय सुनिश्चित करने में एक लंबा सफर तय करेगा.
बता दें कि राज्य स्तर पर ट्रांस पीपल प्रोटेक्शन सेल का गठन महिला सुरक्षा विंग, तेलंगाना पुलिस में पुलिस महानिदेशक महिला सुरक्षा स्वाति लाकड़ा के नेतृत्व में किया गया है. इस सेल का गठन गृह मंत्रालय, भारत सरकार (ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हुआ है, जिसमें कहा गया कि प्रत्येक राज्य सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों के मामलों की निगरानी के लिए राज्य में पुलिस महानिदेशक के अधीन एक ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल की स्थापना करेगी.
मानक संचालन प्रक्रियाओं सहित विवरण वाली एक पुस्तिका जारी करते अतिथि ये प्रोटेक्शन सेल अपराधों की रोकथाम, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों के मामलों की निगरानी के लिए काम करेगा और ऐसे अपराधों का समय पर पंजीकरण, जांच और अभियोजन सुनिश्चित करेगा. इसके अलावा, यह जनता के बीच ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करेगा और राज्य में ट्रांसजेंडर कानूनों के उचित कार्यान्वयन में सभी हितधारकों को संवेदनशील बनाएगा.
एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को भी WSW के इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी, एक कानूनी विशेषज्ञ और सहायक स्टाफ के साथ काम करने के लिए समन्वयक के रूप में लिया गया है. वे हिंसा से प्रभावित ट्रांसजेंडर लोगों की जरूरतों को समझने में पुलिस की मदद करेगा. साथ ही ट्रांसजेंडर लोगों के विभिन्न समुदायों के साथ नेटवर्क स्थापित करेगा.