हैदराबाद :निवारक निरोध (Preventive Detention- PD) अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक गर्भवती महिला (pregnant woman ) को जेल में रखने के चलते राज्य पुलिस (state police) की गलती पाते हुए, तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana high court) ने कहा कि वह गर्भवती महिलाओं पर अधिनियम के आवेदन को बर्दाश्त नहीं करेगी.
तेलंगाना हाई कोर्ट (Telangana high court) ने पुलिस अधिकारियों (police officers) से सवाल किया कि क्या मां के जुर्म के लिए बच्चे को सजा देना सही है. आगे कोर्ट (court) ने कहा कि मां के जुर्मों के लिए बच्चे को सजा देना उचित नहीं है.
दरअसल, नलगोंडा (Nalgonda) की एक महिला ने अपनी गर्भवती बेटी (pregnant daughter) की गिरफ्तारी को पीडी एक्ट (PD Act) के तहत चुनौती देते हुए हाई कोर्ट (high court) में याचिका दायर (filed a petition) की है. इस याचिका पर जस्टिस ए. राजशेखर रेड्डी (Justices A. Rajasekhar Reddy) और शमीम अख्तर (Shamim Akhtar ) की बेंच ने 12 जुलाई को सुनवाई (heard the case) की थी.
पीठ (bench said) ने कहा कि हमने फैसला सुनाया है कि गर्भवती महिला (pregnant woman) को गिरफ्तार करना अनुचित है, यही फैसला (verdict) यहां क्यों लागू नहीं हुआ.
गौरतलब है कि 28 अप्रैल को अदालत ने फैसला सुनाया कि एक गर्भवती महिला (pregnant woman) को गिरफ्तार करना उचित नहीं था और लोक अभियोजक से सवाल किया कि वही फैसला यहां क्यों लागू नहीं हुआ.