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तौकते के कारण ओएनजीसी को हुआ बड़ा नुकसान - sanjib kumar barua

चक्रवात के रास्ते में होने और चेतावनियों को पर्याप्त रूप से जारी किए जाने के बाद तेल की खोज करने वाली प्रमुख कंपनी ओएनजीसी की ओर से बेहतर तैयारी की जा सकती थी और उसके कर्मियों को समुद्र से बाहर निकाला जा सकता था. पढ़िए संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

ओएनजीसी
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Published : May 18, 2021, 10:05 PM IST

नई दिल्ली : तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) के ड्रिलिंग जहाज 'सागर भूषण' से सोमवार को नियंत्रण कक्ष के लिए एक तत्काल MAY-DAY(जहाजों और विमानों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय रेडियो संकट संकेत) जारी किया गया.इस दौरान एक एंकर ड्रम से एंकर वायर रोप 1,4,5,6 और 7 निकलती हैं. इसक बाद चेन और एंकर के साथ पूरी वायर रोप समुद्र में खो जाती हैं...स्टीयरिंग गियर यूनिट डेक के फर्श से टूट जाता है और प्रयोग करने योग्य नहीं रहता, पोर्ट साइड गैंगवे समुद्र में गिर जाता है. पोत अपना नियंत्रण खो देती है और दो बजकर पांच मिनट पर MAY-DAY का एलान किया जाता है.

सोमवार को चक्रवात तौकते के कारण इस तरह के MAY-DAY रेडियो संदेश सोमवार को अरब सागर तट पर स्थित ओएनजीसी के लगभग 25 प्लेटफार्मों से भेजे गए.

इस रिपोर्ट को लिखने के समय ईटीवी भारत को पता चला कि सागर भूषण को टो लाइन (एक बोट से दूसरी बोट को खींचने) से बचाया जाएगा और जहाज पर चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित बंदरगाह पर ले जाया जाएगा. हालांकि इनमें से कुछ ऐसे थे जो शायद इतने भाग्यशाली नहीं थे.

इसी दिन, 261 व्यक्तियों के साथ एक बड़े ओएनजीसी बर्ज papa-305 से एसओएस संदेश में कहा गया कि बर्ज papa-305 मानव रहित प्लेटफॉर्म एचसी (हीरा चार्ली) हीरा फील्ड लगभग 9 बजकर 30 मिनट पर टकराया. जिसे वह क्षतिग्रस्त हो गया और स्टारबोर्ड साइड टैंक और इंजन कक्ष में पानी भर गया. उनको तुरंत मदद की जरूरत थी.

मंगलवार को P-305 मुंबई से 35 समुद्री मील की दूरी पर मुंबई अपतटीय विकास क्षेत्र में डूब गया, यहां तक कि तीन भारतीय नौसेना के जहाज ब्यास, बेतवा और तेग संयुक्त रूप से खोज और बचाव (SAR) अभियान चलाने के लिए INS कोच्चि और INS कोलकाता शामिल हुए.

साथ ही एक P-8आई विमान और नौसैनिक हेलीकॉप्टर क्षेत्र में हवाई तलाशी जारी रखे हुए हैं.

इस रिपोर्ट को लिखने तक, कुल 261में से 180 लोगों को बचाया जा चुका है, क्योंकि अंधेरा छा रहा था और समुद्र की स्थिति भी बेहद खराब थी और लगभग 25-30 मील की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं, जो एसएआर संचालन में शामिल जहाजों और विमानों के लिए एक चुनौती थी.

बता दें कि P-305 पर सवार अधिकांश लोग निजी कंपनियों के नियोजित संविदा कर्मचारी थे, जो ओएनजीसी की गई परियोजनाओं पर काम कर रहे थे.

सवाल उठता है कि पिछले कुछ दिनों से चक्रवात 'तौकते' के बारे में चेतावनी बार-बार देने के बाद भी ओएनजीसी ने अपने स्वयं के कर्मियों या ठेकेदारों को बाहर क्यों नहीं निकाला. यह लोग तट पर अपने अपतटीय जहाजों और प्लेटफार्मों में काम कर रहे थे.

जो हुआ है वह पूरी तरह से अभूतपूर्व है. हमने पहली बार सुना है कि बार्ज और तेल रिग इस तरह से एंकर खो दिए हों.

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ओएनजीसी के एक सेवारत वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि इस स्तर पर यह कहना मुश्किल है, लेकिन तूफान से निपटने के लिए बेहतर काउंटर उपाय किए जा सकते थे.

ओएनजीसी अपतटीय कई प्रकार के प्रतिष्ठानों का संचालन करती है, एक तेल का कुआं है, जहां लगातार उत्पादन गतिविधि होती है. यहां तेल या गैस का कुआं समुद्र तल से लगा होता है. इसकी एक प्रसंस्करण इकाई भी है, जो कुएं के प्लेटफॉर्म से जुड़ी होती है, जहां पाइप में राख भेजने से पहले तेल या गैस को संसाधित किया जाता है. इस तरह की इंस्टालेशन मौसम की स्थिति से प्रभावित नहीं होती है.

दूसरी तरह की इंस्टालेशन तेल रिग है, जिसे जैक किया जाता है और समुद्र तल पर लगाया जाता है टो और मोबिलाइजेशन अवस्था में रहता है.

एक अन्य प्रकार की इंस्टालेशन विशिष्ट परियोजना गतिविधि को पूरा करती है जब नए प्लेटफार्मों को जोड़ा या संशोधित किया जाता है, तो उसके लिए सर्वे किया जाता है. इस तरह का काम मानसून के मौसम में संभव नहीं होता है जब समुद्र की लहरे बहुत अधिक होती हैं.

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