काबुल :अमेरिकी सेना की वापसी के बाद काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को तालिबान ने पूरी तरह से नियंत्रण में ले लिया. देश को नियंत्रण में लेने का संकेत देते हुए पगड़ी पहने तालिबान नेताओं को टरमैक पार करते हुए, उनकी बदरी इकाई के लड़ाकों ने घेर लिया. इस दौरान उन्होंने खाकी वर्दी में तस्वीरें भी खिंचवाईं.
हवाई अड्डे को फिर से चालू करना तालिबान के सामने 3.8 करोड़ की आबादी वाले देश पर शासन करने की बड़ी चुनौतियों में से एक है, जो दो दशकों से अरबों डॉलर की विदेशी सहायता पर टिका हुआ था. तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी हिकमतउल्ला वासिक ने कहा कि आखिरकार अफगानिस्तान अब मुक्त हो गया है.
हवाई अड्डे पर मौजूद लोग और सेना हमारे साथ और हमारे नियंत्रण में है. उम्मीद है कि हम जल्द ही अपने मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे. सब कुछ शांतिपूर्ण और सुरक्षित है. वासिक ने लोगों से काम पर लौटने की अपील की और सभी को माफ करने के अपने संकल्प को दोहराया. उन्होंने कहा कि लोगों को सब्र रखना होगा. धीरे-धीरे हम सब कुछ पटरी पर ले आएंगे. इसमें समय लगेगा.
इससे पहले हवाई क्षेत्र के उत्तरी सैन्य हिस्से में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एकमात्र रनवे के पास कुछ वाहन चलते नजर आए. भोर होने से पहले भारी हथियारों से लैस तालिबान के लड़ाके हैंगर के पास पहुंचे और अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा निकासी अभियान में इस्तेमाल किए गए सात हेलीकॉप्टरों को वहां से रवाना होते हुए देखा.
इसके बाद अपनी जीत का जश्न मनाते हुए तालिबान नेता प्रतीकात्मक रूप से रनवे पर चले. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि दुनिया ने सबक सीख लिया और यह जीत का सुखद क्षण है. मुजाहिद ने बदरी इकाई के सदस्यों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप राष्ट्र को लेकर बहुत सतर्क रहेंगे. हमारे देश ने एक युद्ध का सामना किया है तथा लोगों में अब और सहनशक्ति नहीं बची है. अल्लाह महान है.
तालिबान के 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद से ही हवाई अड्डे पर स्थिति तनावपूर्ण थी. एक अमेरिकी सी-17 सैन्य मालवाहन विमान के किनारे लटकने के बाद नीचे गिरकर कुछ लोगों की मौत हो गई थी. वहीं इस्लामिक स्टेट द्वारा हवाई अड्डे के बाहर किए गए हमलों में अमेरिकी बल के 13 सदस्य और कम से कम 149 अफगान मारे गए थे.