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India Canada relation: अगर ट्रूडो ने ऐसे बढ़ाए कदम तो भारत के साथ संबंधों में आएगी खटास, एक्सपर्ट की राय - हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामला

खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच उठे विवाद पर एक्सर्ट ने अपनी राय दी है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी ने भारत के पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने खास बातचीत की है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Take this -'India shall witness only deterioration in ties if Trudeau pursues this path, says expert (file photo )
अगर ट्रूडो ने ऐसे बढ़ाए कदम तो भारत के साथ संबंधों आएगी खटास

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2023, 2:28 PM IST

नई दिल्ली:भारत-कनाडा संबंधों में नई गिरावट आई है जब भारत ने नई दिल्ली में एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. यह एक आक्रामक कदम है जो कनाडा द्वारा खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों पर एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के जवाब में आया है.

भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पुष्टि करते हुए कहा कि बढ़ती खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता रोक दी गई है. सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि इसके आगे भू-राजनीतिक निहितार्थ क्या होंगे? कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति किस ओर जा रही है? ईटीवी भारत से बात करते हुए, भारत के पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा, 'मेरे विचार में कनाडा और भारत के संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर हैं.

भारत के खिलाफ निराधार आरोप और एक भारतीय राजनयिक का निष्कासन इस तथ्य को नहीं मिटाएगा कि दशकों से ट्रूडो के शासन में कनाडा सिख चरमपंथियों और आतंकवादियों को भारत की संप्रभुता के हितों के खिलाफ पनपने में सक्षम बनाया. जी20 में अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से इन मुद्दों को गंभीरता से उठाया था. इस खतरे का मुकाबला करने के लिए कनाडा से सहयोग मांगा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. पीएम ट्रूडो सिर्फ अपने राजनीतिक पतन को बचाने के लिए चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो अंततः कनाडा को नुकसान पहुंचाएगा. त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत को बताया कि अगर ट्रूडो इस रास्ते पर चलते हैं तो संबंधों में गिरावट ही आएगी.

इस सवाल पर कि कनाडा के चीन और भारत दोनों के साथ तनावपूर्ण संबंध हैं, पूर्व राजनयिक ने कहा कि कनाडा और चीन की अपनी गतिशीलता है जो अमेरिका-चीन प्रतिद्वंद्विता के साथ अधिक अंतर्निहित है. जैसे को तैसा वाला कदम उठाते हुए विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को भारत स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया. नई दिल्ली ने भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को यह जानकारी दी, जिन्हें आज कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाने के बाद तलब किया गया था, जिनकी कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

निज्जर भारत में वांछित था और उसे 18 जून को कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार दी गई थी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को आज बुलाया गया और भारत में स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया. संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है.' सूत्रों के मुताबिक, कनाडाई पीएम ट्रूडो ने कहा कि उनके देश के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के पास यह मानने के कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंटों ने कनाडाई नागरिक की हत्या को अंजाम दिया. ट्रूडो ने कहा, 'कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों का सक्रिय रूप से पीछा कर रही हैं.'

ये भी पढ़ें- India Canada's allegation: निज्जर मौत मामले में भारत का कड़ा रूख, कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित किया

हालाँकि इसके बाद भारत ने कड़ा रूख अपनाते हुए कनाडा सरकार द्वारा इसे खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ने के आरोपों को खारिज कर दिया. एक बयान में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने आरोपों को 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हमने उनकी संसद में कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान को देखा है और उनके विदेश मंत्री के बयान को भी खारिज कर दिया है. कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं. कनाडाई प्रधान मंत्री द्वारा हमारे प्रधान मंत्री पर इसी तरह के आरोप लगाए गए थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था.'

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