नई दिल्ली : ताइवान ने समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की इच्छा जाहिर की.
ताइवान के विदेश मामलों के मंत्री जोसेफ वू ने ट्वीट किया कि निरंतर समर्थन और मदद करने के लिए भारत का धन्यवाद. भारत के इस कदम से दोनों देशों के बीच रिश्तों में और करीबी बढ़ेगी.
पूर्वी ताइवान में ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण जानमाल के नुकसान पर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की थी. पीड़ितों परिवारों के प्रति संवेदना जताई थी.
भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया था, 'ताइवान में हुए रेल हादसे में इतने लोगों की जान जाने से हमें गहरा दुख पहुंचा है. परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए हमारी प्रार्थनाएं.'
पिछले कुछ दशकों में देश में घटे इस सबसे बड़े ट्रेन हादसे में 50 लोगों की मौत हो गई और 178 लोग घायल हो गए. यह हादसा लंबे सप्ताहांत के पहले दिन टोरोको गॉर्ज पर्यटन क्षेत्र में हुआ जहां कई लोग ताइवान के मजबूत रेल नेटवर्क के चलते ट्रेनों से सफर कर रहे थे.
घटना के वक्त ट्रेन में 494 लोग सवार थे. यह हादसा उस समय हुआ जब रेलवे प्रशासन द्वारा संचालित निर्माण साइट का एक ट्रक ऊपर पहाड़ी से फिसलकर पटरियों पर आ गिरा. ट्रक में उस वक्त कोई नहीं था.
ट्रेन सुरंग से निकली ही थी जब यह घटना हुई और उसका ज्यादातर हिस्सा सुरंग के भीतर ही था जिससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहे यात्रियों को मजबूरन खिड़कियों, दरवाजों और छतों पर चढ़ना पड़ा.
प्रशासन ने शुरू में 51 लोगों की मौत की पुष्टि की थी लेकिन शनिवार को मृतकों की संख्या 50 बताई गई. सरकार के आपदा राहत केंद्र के मुताबिक ट्रक का आपात ब्रेक सही से काम नहीं कर रहा था.
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पूर्वी हुआलीन काउंटी की मुख्य अभियोजक यू सिउ दुआन ने बताया कि उन्होंने ट्रक के मालिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध किया है.
राष्ट्रपति साई इंग वेन ने दुर्घटनास्थल के पास के अस्पतालों का दौरा किया. साई ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने परिवहन सुरक्षा कमेटी से जांच के लिए कहा है. कामगारों ने शनिवार सुबह क्षतिग्रस्त दो कोच को दुर्घटनास्थल से हटा दिया.